पिछले कई समय से चल रहे स्वच्छ भारत अभियान में मध्यप्रदेश के भोपाल को स्वच्छ सर्वेक्षण में दूसरा स्थान मिला था।
जिसके बाद आदर्णीय महापौर आलोक शर्मा ने जमकर इसकी खुशी मनाई थीं। राजधानी भोपाल को दूसरा स्थान कैसे मिला इस बात से कई लोग खुश हैं तो वही आज भी कई लोगों को इस बात की हैरानी हैं। स्वच्छ सर्वेक्षण से पहले तक ज़ोरो शोरो से भोपाल में सफाई का काम किया गया लेकिन भोपाल को दूसरा स्थान मिलते ही सफाई अभियान पूरी तरह से गायब हो चुका हैं।
कल के सारे अख़बार में एक खबर आई थीं के हमारे महापौर आलोक शर्मा जी को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी सम्मानित करेंगे। इतना ही नहीं बल्कि स्वच्छ्ता में देशभर के टॉप 10 शहरों के महापौर का सम्मान किया जाएगा। इस बात पर महापौर जी काफी खुश थे।
अब जब स्वच्छता की बात निकल ही गई हैं तो में आप सभी को एक बात बता देना चाहता हु की आदर्णीय महापौर आलोक शर्मा जी इन दिनों अपने बंगले में शिफ्ट हो चुके हैं। लेकिन जहाँ महापौर जी पहले जिस पुश्तेनी मकान में रहते थे उस जगहा को आज भी गया वाली गली कहा जाता हैं। आपको बता दे कि वहाँ से निकलना लोगों के लिए आफत का सबब बन हुआ हैं। आज भी वहाँ कचरे का ढेर पड़ा रहता हैं। जिसके चलते वहा से गुजरना और रहना लोगों के लिए मुशिकल होता जा रहा हैं।
चुकी अब हमारे महापौर जी बंगले में शिफ्ट हो चुके हैं तो उन्हें इस बात से क्या लेना देना।
आज भी राजधानी भोपाल के कई इलाके ऐसे हैं जहाँ कचरे के ढ़ेर पड़ा रहता हैं। इतना ही नहीं की जगहों पर तो यह हाल हैं कि कचरे के कंटेनर तक नहीं रखे गए हैं। जिसके चलते लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं। स्वच्छ सर्वेक्षण में भोपाल को दूसरा स्थान शायद पोर्श कॉलोनी को देखकर मिला हैं। लेकिन अगर राजधानी भोपाल की पोर्श कॉलोनियों को नज़र अंदाज़ किया जाए तो भोपाल टॉप 10 के शहरों में भी नहीं आता।