जबलपुर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट
आपको तो पता ही होगा 2014 में जब बीजेपी सरकार सत्ता में आइ तब जनता से किए वादों के मुताबिक़
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पूरे भारत में लॉंच किया गया। भारत में ऐसी 100 सिटी को स्मार्ट बनाना था जिसमें
सर्वसुविधायें होंगी जैसे 24 घंटे बिजली, पानी, सड़क, शहर में वाई फ़ाई, और अन्य सुविधाए इसके
लिए शहरों की क्षमता के मुताबिक़ अनुदान सरकार के द्वारा दिया गया।
ठीक ऐसा ही अनुदान(जबलपुर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट) जबलपुर शहर के हिस्से में आया जिसमें 1000 करोड़ की राशि जबलपुर
को स्मार्ट बनाने के लिए दी गई।
2014 से शुरू हुआ ये प्रोजेक्ट जिसका 6 सालों में 50% काम तक पूरा नहीं हो सका।
अभी तक इसमें सिर्फ़ 414 करोड़ रुपए ख़र्च हुए है। इसमें 400 छोटे प्रोजेक्ट शामिल है
जिसमें से 100 प्रोजेक्टस में अभी तक कार्य पूरा नहीं हो पाया है।
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समझ यह नहीं आ रहा है की यहाँ पर प्रशासनिक लापरवाहि है या आदेश ऊपर से दिए गए है कार्य ना करने के।
केंद्र सरकार से पैसा भेजा जा रहा है परंतु भारत के आला अधिकारी जैसे कलेक्टर कमिश्नर इनको
इस बात से फ़र्क़ नहीं पड़ रहा है की और कितना समय लगेगा इसमें। असफल नौकरशाही
भारत की राज्यव्यावस्था को तबाह करने के लिए काफ़ी है।