छत्तीसगढ़ में देरी से कोरोना जांच के कारण मृत्यु की संख्या में इजाफा हो रहा हैं।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना से होने वाली मौतों की समीक्षा के बाद इसकी पुष्टि हुई है।
राज्य में अधिकांश केस में मरीज का देर से अस्पताल पहुंचना प्रमुख कारण रहता है।
महासमुंद जिले की 47 वर्ष की महिला को 25 अक्टूबर से लक्षण दिखाई दे रहे थे।
सर्वे टीम को भी उन्होने नही बताया कि उन्हे लक्षण लग रहे हैं।
ज्यादा तबीयत खराब लगने पर 10 नवंबर को मतलब 15 दिनों के बाद टेस्ट कराया ।
महिला को अन्य बीमारियां जैसे हृदय की तकलीफ,अल्सर आदि था।
10 नवंबर को टेस्ट में कोरोना पाजिटिव आने पर उसी दिन अस्पताल में भर्ती कराए लेकिन इलाज शुरू होने के पहले ही उसकी मृत्यु हो गई।
उसकी और उसके परिजनों की लापरवाही से यह मृत्यु हुई।
डाक्टरों के अनुसार यदि सर्वेक्षण दल को भी समय पर बताया होता तो पहले ही उपचार मिल जाता और जान बच जाती।
स्वास्थ्य विभाग इसीलिए बार- बार अपील कर रहा है कि सर्वेक्षण दल से अपने लक्षण न छुपाएं।
समय पर जांच और उपचार से कोरोना ठीक हो सकता है।विभाग के अनुसार कोरोना संक्रमण के मामले फिर बढ़ रहे हैं।इस समय सतर्क रहना अत्यंत आवश्यक है।