इरफान और जावेद की भड़काऊ पोस्ट से मचा बवाल, पुलिस ने दिखाई सख्ती
बरेली, उत्तर प्रदेश।
सोशल मीडिया पर आजकल हर कोई अपनी बात रखता है, लेकिन कुछ लोग इसकी सीमाएं लांघ जाते हैं। बरेली में ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां दो युवकों ने सोशल मीडिया का इस्तेमाल भड़काऊ और देशविरोधी पोस्ट करने के लिए किया। पुलिस ने गंभीरता से कार्रवाई करते हुए दोनों को गिरफ्तार कर लिया है।
कौन हैं आरोपी और क्या किया इन्होंने?
बिथरी चैनपुर थाना क्षेत्र के रहने वाले इरफान और जावेद नाम के इन युवकों ने हाल ही में सोशल मीडिया पर दो अलग-अलग लेकिन बेहद संवेदनशील और भड़काऊ पोस्ट की थीं।
- इरफान ने ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ लिखकर पोस्ट डाली।
- वहीं जावेद ने एक वीडियो अपलोड किया जिसमें वह हाथ में धारदार हथियार लिए हुए नेताओं की जुबान काटने की धमकी देता दिखाई दिया।
इन दोनों पोस्टों ने स्थानीय लोगों में गुस्सा पैदा कर दिया और जल्द ही इनकी शिकायत पुलिस तक पहुंची।
पुलिस ने दिखाई सख्ती
शिकायत मिलते ही बिथरी चैनपुर के इंस्पेक्टर अभिषेक सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम ने बिना देर किए दोनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के वक्त का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें दोनों आरोपी हाथ जोड़कर माफी मांगते दिखाई दे रहे हैं और ‘भारत माता की जय’ और ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ के नारे लगाते हैं। वीडियो में जावेद लंगड़ाता हुआ नजर आता है, जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि शायद उसे हिरासत के दौरान चोट लगी हो।
आरोपियों की सफाई
पूछताछ में दोनों ने कहा कि उन्होंने यह पोस्ट गलती से कर दी थी और आगे से ऐसी कोई हरकत नहीं करेंगे। लेकिन पुलिस ने इनकी सफाई को हल्के में नहीं लिया और IPC की संगीन धाराओं के तहत चालान काट दिया गया। अब कोर्ट के आदेश के बाद ही तय होगा कि उन्हें जमानत मिलेगी या नहीं।
पूरे प्रदेश में बढ़ी सतर्कता
ये मामला अकेला नहीं है। यूपी पुलिस सोशल मीडिया पर देशविरोधी और भड़काऊ कंटेंट को लेकर काफी सख्त हो गई है। हाल ही में बरेली रेंज में ‘पाकिस्तान समर्थक’ पोस्ट के लिए 10 FIR दर्ज की गईं और 8 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। पुलिस का कहना है कि सोशल मीडिया पर ऐसी गतिविधियों पर जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जाएगी।
सबक क्या है?
सोशल मीडिया पर कुछ भी कहने की आजादी जरूर है, लेकिन यह आजादी संविधान की सीमाओं में है। अगर कोई देश, समाज या कानून के खिलाफ जाता है, तो उसका अंजाम जेल की सलाखों के पीछे हो सकता है। इरफान और जावेद का मामला इस बात की ताजा मिसाल है।
- सोशल मीडिया की ताकत को समझें, उसका इस्तेमाल ज़िम्मेदारी से करें।
- उकसावे, धमकी या देशविरोधी बातों से खुद को भी बचाएं और दूसरों को भी रोकें।