मिस्र की शीर्ष प्रशासनिक अदालत ने यूट्यूब पर एक महीने का प्रतिबंध लगाने के आदेश दिए हैं।
इसका मुकदमा दायर करने वाले वकील ने कहा कि अदालत ने यह फैसला पैगंबर मोहम्मद की निंदा करने वाले वीडियो को यूट्यूब पर प्रचारित करने की वजह से लिया है।
वकील मोहम्मद हमाद सलेम ने कहा, यह फैसला अंतिम और लागू करने योग्य है और इसके खिलाफ अपील भी नहीं की जा सकती। एक निचली प्रशासनिक अदालत ने पहले राष्ट्रीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण को ऐसा करने के आदेश दिए थे लेकिन बाद में उसने इस फैसले के खिलाफ अपील करते हुए कहा था कि इसे लागू करना मुश्किल है।
शीर्ष प्रशासनिक अदालत ने यह अपील खारिज करके यूट्यूब पर अस्थाई प्रतिबंध लगा दिया। वीडियो का नाम ‘इनोसेंस ऑफ मुस्लिम’ था। यह एक 13 मिनट का लोअर बजट वाला वीडियो था। इसे कैलिफोर्निया में प्राइवेट फंडिंग से तैयार किया गया था।