उत्तर प्रदेश के कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे (Gangster Vikas Dubey)आज कानपुर में एक मुठभेड़ में मारा गया है। दो जुलाई से हुए अब तक के घटना क्रम में पुलिस और अपराधी के बीच शह मात का खेल चलता रहा।
कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत बिकरू गांव में 2 जुलाई की रात पुलिस कुख्यात अपराधी विकास दुबे को पकड़ने गयी थी।
टीम की कमान बिठूर के सीओ देवेंद्र मिश्रा के हाथ में थी और उनके साथ तीन थानों की फोर्स मौजूद थी। इससे पहले कि पुलिस विकास को दबोचती, उसके गैंग ने पुलिस पर धावा बोल दिया। काफी देर तक चली मुठभेड़ में (DSP Devendra Mishra)डीएसपी देवेंद्र मिश्रा, एसओ
शिवराजपुर महेंद्र सिंह यादव,(Shivrajpur Mahendra Singh Yadav) चौकी प्रभारी मंधना अनूप कुमार सिंह समेत 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। सभी की गोलियों से छलनी कर और निर्ममता से पीट-पीटकर तथा धारदार हथियारों से हमला कर हत्या की गई थी।
मुठभेड़ के बाद विकास दुबे और उसका पूरा गैंग गांव से फरार हो गया। इसके करीब दो घंटे बाद लगभग एक दर्जन थानों की पुलिस और सीओ सर्किल की फोर्स में मौजूद 100 से ज्यादा पुलिसकर्मियों ने बिकरू समेत आसपास के पांच गांवों को घेर लिया। पूरी रात सर्च ऑपरेशन चला।
उसके दूसरे दिन 3 जुलाई को सुबह डीजीपी के निर्देश पर एसटीएफ के जवानों की मौजूदगी में पुलिस ने तगड़ी घेराबंदी की।
बिकरू के पास हुई मुठभेड़ में विकास के मामा प्रेम प्रकाश पांडेय और भतीजा अतुल दुबे मार गिराए गए। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर, डीजीपी बिकरू गांव पहुंचे। पुलिस की कई टीमों ने पूरे यूपी में विकास और उसके गैंग की तलाश शुरू की। विकास दुबे के लिए मुखबिरी के शक में चौबेपुर थाने के इंस्पेक्टर विनय तिवारी को निलंबित कर दिया।
4 जुलाई को पुलिस ने विकास दुबे के घर पर बुलडोजर चलवा दिया, लग्जरी कारें व ट्रैक्टर तोड़ डाले, फिर खंडहर बन चुके घर पर पूरी रात सर्च ऑपरेशन चला। आईजी मोहित अग्रवाल ने कहा कि सूचना थी कि विकास ने दीवारों में हथियार चुनवाकर छिपाए हैं इसलिए दीवारों को तोड़कर सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
5 जुलाई को विकास के घर में तलाशी में मिले तहखाने व सुरंग में विस्फोटक सामग्री और कई हथियार बरामद किए गए। विकास का नौकर कल्लू शहर से भागने की फिराक में था तभी कल्याणपुर पुलिस ने मुठभेड़ में उसे धर दबोचा।
6 जुलाई को पुलिस ने कल्लू की पत्नी, हमले में मदद करने वाले विकास के साढ़ू समेत तीन को गिरफ्तार कर लिया। उधर, डीजीपी ने आईजी मोहित अग्रवाल की सिफारिश पर विकास पर इनामी राशि ढाई लाख कर दी।
7 जुलाई को, पुलिस ने 15 विकास सहयोगियों का पोस्टर जारी किया।
देर रात पुलिस को हरियाणा के फरीदपुर के एक होटल में विकास दुबे की लोकेशन मिली। पुलिस के आने से पहले विकास वहां से भाग गया। लखनऊ से आए आईजी लक्ष्मी सिंह की जांच में सीओ देवेंद्र मिश्रा के पत्र की जांच करने के लिए, विनय तिवारी, जो कार्रवाई नहीं करने की गर्मी में पकड़े गए हैं, को एसटीएफ डीआईजी के पद से हटाकर दूसरी जगह भेज दिया गया है। दबिश की सूचना देने के संदेह पर चौबेपुर पुलिस स्टेशन के सभी 68 पुलिसकर्मियों को हटा दिया गया।
8 जुलाई को, हमीरपुर के पास मुठभेड़ में विकास के सबसे करीबी अमर दुबे मारे गए। इसके बाद, एक और विकास साझेदार श्यामू बाजपेयी को मुठभेड़ के बाद चौबेपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। विकास दुबे पर डीजीपी ने इनाम को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया। विकास के तीन करीबी प्रभात, अंकुर और उसके पिता श्रवण को फरीदाबाद से हथियारों के साथ पकड़ा गया था।
9 जुलाई को प्रभात को ट्रांजिट रिमांड पर फरीदाबाद से कानपुर पुलिस लाई थी, जब शातिर प्रभात पुलिस की पिस्टल छीन कर भाग गया। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया। बिकरू गांव के रहने वाले प्रवीण उर्फ बुवा को भी पुलिस ने मार गिराया।
9 जुलाई को सुबह लगभग 8.50 बजे, मंदिर के सुरक्षाकर्मियों ने दुर्दान्त, एक गरीब बदमाश, विकास दुबे को पहचान लिया, जो सावन के तीसरे दिन उज्जैन में महाकाल के दर्शन करने गए थे। उज्जैन पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
10 जुलाई को, जिस वाहन से कुख्यात अपराधी विकास दुबे, उज्जैन से कानपुर लाया जा रहा था, दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इसके बाद वह पिस्तौल छीनकर भागने लगा और फिर पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। इस दौरान उसे गोली (vikas dubey encounter in up)लगी और उसकी मौत हो गई।