हिंदी सिनेमा में एक नाम है अमिताभ बच्चन जिसे लकब दिया गया सदी का महानायक
अमिताभ बच्चन ने अभिनय जीवन की एक लम्बी पारी खेली, आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणा श्रोत बने
26 जुलाई 1982 को “कुली” (On 26 July 1982 Coolie)के सेट पर अमिताभ बुरी तरह घायल हो गए..
ऑपरेशन के बाद कोमा में चले गए….पुरे देश में एक मातम सा छा गया ….
अमिताभ के चाहने वालों ने ऎसी ऎसी मन्नतें माँगनी शुरू कर दी…
मुश्किल और कठिन मन्नतें….
ऐसी ही एक मन्नत माँगी, वड़ोदरा के एक शख्स ने, नाम था अरविन्द पंड्या.
अरविन्द ने मन्नत मांगी की अगर अमिताभ ठीक हो गए ,
तो वो वड़ोदरा के डांडिया बाज़ार की सिद्धि विनायक मंदिर से
उलटी दौड़ लगाते हुए बम्बई के सिद्धि विनायक मंदिर तक जाएँगे…
2 अगस्त 1982 को लाखो लोगों की दुआएं काम आ गयी…
अमिताभ कोमा से बाहर आ गये…
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और फिर कुछ महीनो बाद अमिताभ पूरी तरह ठीक होकर वापस घर आ गए…
बिग बी के करोड़ों प्रशंसकों के साथ अरविन्द भी अपनी मन्नत के पुरे होने
पर वडोदरा के सिद्धि विनायक मंदिर से उलटी दौड़ लगते हुए बम्बई के सिद्धि विनायक मंदिर के लिए रवाना हो गए…
लगभग 450 किलोमीटर के इस सफ़र में जगह जगह लोग उनका हौसला बढ़ा रहे थे….
13 दिन के थका देने वाले सफ़र के बाद जब अरविन्द बम्बई पहुँचे,
तो सबसे पहले सिद्धि विनायक के मंदिर में दर्शन किये और भगवान् का शुक्रिया अदा किया…
दर्शन करने के तुरंत बाद वे सीधे बिग बी बच्चन के घर ‘प्रतीक्षा’ पहुँचे…
उनके सफ़र की सारी थकान तब काफूर हो गई, “जब उन्होंने देखा कि उनका स्वागत करने के लिए
पूरा बच्चन परिवार ‘प्रतीक्षा’ के दरवाज़े पर खड़ा है…
जैसे ही अमिताभ ने अरविन्द को देखा, बिग बी अपने लिए की गई इस कठिन तपस्या से इतने भाव विभोर हो गए,
कि वे अरविन्द के पैरों में झुक गए… “बिग बीके पिता हरिवंश राय बच्चन और माँ तेजी ने अरविन्द को गले लगा लिया…
जया ने अरविन्द के हाथ में राखी बाँधी…
पूरे परिवार ने इस प्यार और सम्मान के लिए अरविन्द पंड्या का शुक्रिया अदा किया…
जिसके अरविन्द पंड्या जैसे चाहने वाले हो उसको मौत कभी छू भी नहीं सकती..
सलाम है एक स्टार और फैन के इस याराने को
#जावेद अहमद