International Women’S Day
दुनियाभर की आधी आबादी के सम्मान के तौर पर मनाया जाने वाला विश्व महिला दिवस कई मायनों में ख़ास है.
समाज में नारी के अपार महत्त्व का जश्न मनाने वाले इस दिन के पीछे जुडी कहानी भी काफी दिलचस्प है.
कब हुआ प्रारम्भ
दरअसल इसकी शुरुआत के मूल में न्यूयार्क का वह श्रम आंदोलन था
जब करीब 15 हजार महिलाओं ने वेतन, कार्यसमय और मतदान को लेकर एक बड़ा विरोध किया था
और इसी के बाद अमेरिका की एक राजनीतिक पार्टी ने इस दिन को महिला दिवस के रूप में मनाये जाने का सुझाव रखा
लेकिन अभी इसका अन्तराष्ट्रीयकरण नहीं हुआ था
पार्टी के सुझाव के बाद क्लारा जेटिकन नाम की एक महिला ने एक ऐसी कांफ्रेसें में अंतराष्ट्रीय महिला दिवस की नीव रखी
जिसमें 17 देशों की सौ से ज्यादा महिलाऐं हिस्सा ले रही थी
इस कांफ्रेस के बाद से ही अस्तित्व में आया और रूस में 8 मार्च को
महिलाओं की एक क्रांति के बाद इसी दिन से विश्वभर में मनाया जाने लगा
भारत में महिला दिवस
अंतराष्ट्रीय महिला दिवस को यूं तो भारत में भी मनाया जाता है
लेकिन सरोजिनी नायडू की याद में हम राष्ट्रीय महिलादिवस भी मनाते हैं जो 13 फरवरी को आता है
सर्वविदित है की पुरातन काल से ही भारतीय समाज में महिलाओं का विशेष स्थान रहा है
वेदों और पुराणों में उल्लेख मिलता है की समाज में महिलाओं का दर्जा पुरुषों से भी ऊंचा था
रामायण और महाभारत जैसे कई धार्मिक ग्रन्थ भी इस बात के गवाह हैं की
महिलाएं पुरुषों की तुलना में अधिक सम्मान की पात्र थीं