भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने करीब तीन हजार करोड़ रुपए के अगस्ता
वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले में कांग्रेस के नेताओं के करोड़ों रुपए की रिश्वत लिए
जाने के खुलासे पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी
पर दबाव बढ़ाते हुए आज पूछा कि उनकी चुप्पी को क्या समझा जाये।
भाजपा प्रवक्ता राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने यहां पार्टी कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “आज देश जागरूक होता जा रहा है।
इस परिवार को जवाब देना चाहिए
रक्षा सौदों की दलाली के भुगतान को छिपाने के लिए 100-200 शेल कंपनियां बना कर रखी गयीं थी ताकि कोई असली लेनदार को नहीं पहचान सके, लेकिन हम असली चेहरे तक पहुंचेंगे। यह मोदी सरकार का संकल्प है।”
अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अदालत में जो आरोपपत्र दाखिल किया है, उसके अनुसार 3000 करोड़ रुपए के अगस्ता-
वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टर घोटाले के मामले में गवाह राजीव सक्सेना ने कई बड़े खुलासे किए हैं। राजीव सक्सेना ने इस मामले में मध्य प्रदेश के पूर्व
मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे बकुल नाथ, नकुल नाथ और उनके भतीजे रतुल पुरी के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद और सोनिया गांधी के विश्वस्त अहमद पटेल का नाम भी लिया है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार इस सौदे में सात करोड़ यूरो की रिश्वत ली गई।
श्री राठौड़ ने कहा कि रक्षा सौदों में दलाली का कांग्रेस का लंबा इतिहास रहा है। कांग्रेस शासन में हुआ ऐसा एक भी रक्षा सौदा नहीं है जिसमें कांग्रेस पार्टी या
उसके कुछ नेताओं का नाम नहीं आया हो। जीप घोटाला, बोफोर्स घोटाला, टाटा ट्रक घोटाला, स्कार्पियन पनडुब्बी घोटाला से लेकर अगस्ता वेस्ट लैंड घोटाला
तक हर रक्षा सौदे में कांग्रेस नेताओं के दलाली लिए जाने की बात सामने आई जिसकी मीडिया रिपोर्टों ने सुर्खियां बटोरी। कल भी हमने कांग्रेस पार्टी, श्रीमती सोनिया गांधी और श्री राहुल गांधी से इस घोटाले में अपने बड़े नेताओं का नाम आने पर स्पष्टीकरण और जवाब देने को कहा था लेकिन कांग्रेस खामोश है। इस चुप्पी का क्या मतलब समझा जाए?
भाजपा प्रवक्ता ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि आज फिर एक प्रमुख अंग्रेजी अखबार में विस्तार से यह बात सामने आई है कि किस तरह फर्जी
कंपनियों द्वारा रिश्वत की मोटी रकम को कुछ लोगों में बांटा गया जिनमें कांग्रेस के कई बड़े नेताओं के नाम हैं। उन्होंने कहा, “मैं आज पुनः कांग्रेस पार्टी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी से इस पर सवाल पूछता हूँ कि वे अपने नेताओं के नाम सामने आने पर क्या कहेंगे। मिनट-मिनट पर ट्वीट करने वाले कुछ कहेंगे भी या कि चुप ही रहेंगे। वैसे भी कांग्रेस के पास कहने को कुछ भी नहीं है क्योंकि कांग्रेस और भ्रष्टाचार एक ही सिक्के के दो पहलू हैं और ये दोनों शब्द पर्यायवाची हो गए हैं।”
श्री राठौड़ ने कहा कि देश जानना चाहता है कि अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में कांग्रेस पार्टी के बड़े नेताओं का नाम सामने आने पर श्रीमती सोनिया गांधी और
श्री राहुल गांधी का क्या कहना है? आखिर क्या बात है कि हर रक्षा सौदे में कांग्रेसी नेताओं की दलाली की बात सामने आती है?
देश की सुरक्षा के साथ कांग्रेस का खिलवाड़ दुर्भाग्यपूर्ण है और देश की जनता कांग्रेस पार्टी को कभी भी माफ़ नहीं करेगी।
उन्होंने कहा कि ईडी की चार्जशीट में राजीव सक्सेना के बयानों पर आधारित 1000 पृष्ठ के सरकारी दस्तावेज, बैंक स्टेटमेंट्स,
ईमेल चैट्स और फर्जी कंपनियों के विवरणों के अध्ययन के बाद खुलासा हुआ है कि हवाला कारोबार और फर्जी कंपनियों का एक बड़ा नेटवर्क था, जिससे इस मामले के सभी आरोपित जुड़े हुए थे।
राजीव सक्सेना ने बताया कि किस तरह संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग-2) द्वारा रद्द कर दिए गए इस करार की दलाली की रकम को अन्य कंपनियों
और फर्जी कंपनियां बनाकर उनमें निवेश किया गया था। इनमें राजीव सक्सेना की इंटरस्टेलर टेक्नोलॉजीज और क्रिश्चियन मिशेल की ग्लोबल सर्विसेज प्रमुख हैं।
मिशेल को दिसंबर 2018 में भारत लाया गया था और वह तभी से जेल में है।
सक्सेना ने खुलासा किया है कि इनमें से बड़ी रकम कई ऐसे नेताओं और अधिकारियों को भी दी गई,
जो उस वक्त सरकारी निर्णयों को प्रभावित करने की क्षमता रखते थे। इन्हें निवेश के माध्यम से भारत में लाया गया और अवैध लेन-देन का एक नेटवर्क बन गया।