1. अपराध की शुरुआत और नशे की गिरफ्त
- कीली नोल्स, बर्मिंघम की रहने वाली, ने 13 वर्ष की उम्र में नशे की दुनिया में कदम रखा।
- एक 21 वर्षीय व्यक्ति के संपर्क में आने के बाद, वह हेरोइन की
लत में पड़ गईं और अपराध की राह पर चल पड़ीं। - उनका जीवन चोरी, ड्रग्स और जेल के चक्रव्यूह में फंस गया, जिससे वह 28 बार जेल गईं।
2. चोरी का तरीका और नेटवर्क
कीली ने 20 वर्षों तक लग्जरी दुकानों से महंगे कपड़े और हैंडबैग्स चुराए।
वह प्रतिदिन सुबह दुकानों की सुरक्षा की जानकारी जुटातीं और फिर चोरी करतीं।
चोरी किए गए सामान को वह लगभग 150 ग्राहकों के व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से बेचती थीं।
एक दिन में वह ₹7–8 लाख तक का सामान चुरा लेती थीं, और एक बार तो
उन्होंने एक ही दुकान से ₹37 करोड़ का माल चुरा लिया था।
3. नशे की लत और खर्च
- अपने नशे की लत को पूरा करने के लिए कीली प्रतिदिन लगभग ₹1 लाख खर्च करती थीं।
- उनका जीवन चोरी, नशा और जेल के बीच घूमता रहा।
- उन्होंने बताया कि केवल क्रिसमस डे और गुड फ्राइडे को ही उन्होंने चोरी नहीं की,
क्योंकि उन दिनों दुकानें बंद रहती थीं।
4. पुनर्वास और समाज सेवा
- एक सुरक्षा गार्ड की मदद से कीली ने “Offending to Recovery” कार्यक्रम के तहत नशे की लत से छुटकारा पाया।
- अब वह 18 महीने से नशे से दूर हैं और अपराध की दुनिया को छोड़ चुकी हैं।
- वह अब अन्य नशे के शिकार लोगों की मदद करती हैं और उन्हें पुनर्वास के लिए प्रेरित करती हैं।
- उनके इस प्रयास के लिए उन्हें “National Business Crime Solution Award” से सम्मानित किया गया है।
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