दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को कोविड-19 मामलों की बढ़ती संख्या के बीच राष्ट्रीय राजधानी
में लॉकडाउन की मांग करने वाली एक याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया,
और यहां तक सवाल कर डाला कि क्या लॉकडाउन ही एकमात्र समाधान है।
मुख्य न्यायाधीश डी.एन. पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की अगुवाई वाली
हाईकोर्ट की डिविजन बेंच ने सवाल किया, क्या लॉकडाउन एकमात्र समाधान है?
क्या सरकार का नीतिगत मामला अदालतों द्वारा तय किया जाएगा?
जब मामले की सुनवाई हो रही थी, तब अदालत को दिल्ली सरकार के वकील द्वारा
इस बात से अवगत कराया गया कि 30 सितंबर को केंद्र की अधिसूचना के अनुसार,
किसी भी राज्य के पास केंद्र की अनुमति के बिना लॉकडाउन लगाने का अधिकार नहीं है।
पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता ने भारतीय अधिराज्य को पक्ष नहीं बनाया।
इसने कहा, आपने अपना होमवर्क ठीक से नहीं किया है।
बाद में याचिकाकर्ता ने याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी और इसे मंजूर कर लिया गया।
याचिका को सीनियर ऑर्थोपेडिक सर्जन कौशल कांत मिश्रा द्वारा दायर किया गया था।