वाराणसी सहित उत्तर भारत में 25 मई से नौतपा की शुरुआत हो चुकी है। नौतपा यानी वह विशेष नौ दिन, जब सूर्य की किरणें सीधी पृथ्वी पर पड़ती हैं और तापमान चरम सीमा तक पहुंच जाता है। इस बार का नौतपा खास माना जा रहा है, क्योंकि लगभग 80 वर्षों में यह सबसे अधिक गर्मी वाला नौतपा बताया जा रहा है।
ज्योतिषीय मान्यता के अनुसार, जब सूर्य देव रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं, तब नौतपा की शुरुआत होती है। इस वर्ष यह प्रवेश 25 मई की भोर 3:15 बजे हुआ, जिससे नौतपा का आरंभ हो गया। यह कालखंड तीन जून तक चलेगा। माना जाता है कि इन नौ दिनों में सूर्य पृथ्वी के सबसे करीब होते हैं, जिसके कारण सूर्य की किरणें सीधे धरती पर पड़ती हैं और तेज गर्मी महसूस होती है।
क्यों खास है इस बार का नौतपा?
ज्योतिषाचार्य आचार्य दैवज्ञ कृष्ण शास्त्री के अनुसार, इस वर्ष संवत्सर के राजा और मंत्री दोनों सूर्य हैं। ज्योतिषीय भाषा में इसका अर्थ है कि सूर्य का प्रभाव अत्यंत प्रबल रहेगा। इस कारण इन नौ दिनों में अत्यधिक गर्मी पड़ने की प्रबल संभावना है।
आचार्य शास्त्री ने यह भी बताया कि सूर्य देव आठ जून तक रोहिणी नक्षत्र में ही रहेंगे, परंतु इन शुरुआती नौ दिनों का असर सबसे तीव्र होता है। नौतपा का महत्व केवल गर्मी तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मानसून की पूर्व सूचना भी देता है। यदि इन दिनों में तेज गर्मी पड़ती है, तो इसे अच्छी वर्षा का शुभ संकेत माना जाता है।
मौसम का हाल: तापमान में गिरावट, पर उमस ने बढ़ाई परेशानी
हालांकि नौतपा की शुरुआत के साथ ही बनारस में तापमान में लगभग 2 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है, लेकिन यह राहत अस्थायी प्रतीत होती है। आसमान में मौजूद हल्के बादल और पछुआ हवाओं ने दिनभर उमस भरी गर्मी का एहसास कराया।
24 मई को बनारस का अधिकतम तापमान 38.3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो सामान्य से 2.5 डिग्री कम था। हालांकि न्यूनतम तापमान सामान्य से 1.6 डिग्री अधिक 28.4 डिग्री सेल्सियस तक रहा। हवा की रफ्तार अधिकतम 26 किलोमीटर प्रति घंटे रही, जिसने दोपहर के समय लू जैसे हालात बना दिए।
बारिश की संभावना: कुछ राहत की उम्मीद
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, अगले 6-7 दिनों तक पूर्वी उत्तर प्रदेश, खासकर बनारस और आसपास के क्षेत्रों में बारिश की संभावना बनी हुई है। दरअसल, निचले क्षोभमंडल में पंजाब से बांग्लादेश तक एक मौसम तंत्र सक्रिय है, जिससे नम पूर्वी हवाएं लगभग 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हैं।
इन हवाओं के कारण बादल बन रहे हैं और वातावरण में नमी बढ़ रही है, जिससे बारिश की संभावना भी बढ़ी है। यदि अगले कुछ दिनों में हल्की या मध्यम वर्षा होती है, तो यह तापमान को नियंत्रित करने में सहायक हो सकती है।
स्वास्थ्य और सावधानियां
नौतपा के दौरान शरीर पर गर्मी का असर अधिक होता है। इसलिए चिकित्सकों और विशेषज्ञों की सलाह है कि लोग इस दौरान स्वयं को धूप से बचाएं, अधिक मात्रा में पानी और तरल पदार्थों का सेवन करें, हल्का और सुपाच्य भोजन लें और सुबह-दोपहर के समय अत्यधिक धूप में बाहर निकलने से बचें।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस समय सूर्य देव की आराधना करने से जीवन में ऊर्जा, स्वास्थ्य और समृद्धि आती है। इस कालखंड में सूर्य मंत्रों का जाप, जल अर्पण और ब्रह्म मुहूर्त में सूर्योदय के समय प्रार्थना करने को शुभ माना गया है।
निष्कर्ष
नौतपा का प्रारंभ हो चुका है और इसके साथ ही गर्मी की असली परीक्षा भी। 80 वर्षों में पहली बार इतना प्रबल नौतपा देखने को मिल सकता है। हालांकि मौसम तंत्र से जुड़ी गतिविधियों के कारण थोड़ी राहत मिल सकती है, लेकिन सावधानी ही सबसे बड़ा उपाय है।
जनसाधारण से अपील है कि वे मौसम विभाग और प्रशासन द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पालन करें, धूप में अनावश्यक यात्रा से बचें, और इस नौतपा काल को स्वस्थ व सुरक्षित ढंग से व्यतीत करें।
अच्छी वर्षा की आशा के साथ, यह नौतपा सबके लिए सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि लेकर आए—यही कामना है।