पंजाब में पिछले कई महीनो से चल रहे कृषि बिल आंदोलनो में गुस्साय किसानो ने अब
अम्बानी समूह को अप्रत्यक्ष रूप से हानि पहुँचना शुरू कर दिया है। उनका मान ना है की कृषि
बिल को अम्बानी अदानी जैसे बड़े व्यापारियों के कारण ही पारित कर क़ानून बनाया गया है।
इसके चलते वे सभी अम्बानी अदानी प्रॉडक्ट्स का प्रत्यक्ष रूप से विरोध पर उतर रहे है
बात विरोध तक नहीं थी अभी बात 1500 से ज़्यादा रिलायंस जियो के नेटवर्क टॉवर को तोड़ने की है
जिसमें पंजाब के स्थानी लोगों ने 1500 से अधिक टॉवर तोड़ दिए। रिलायंस समूह को सीधा
नुक़सान पहुँचाने की अब उनके द्वारा कोशिश की जा रही है
ये ख़बर मिलते ही कम्पनी की ओर से दिए गए बयान में कहा गया की कृषि बिल से उनका कोई भी सम्बन्ध नहीं है
कम्पनी का कॉंट्रैक्ट फ़ार्मिंग से किसी भी प्रकार का कोई सम्बन्ध भी नहीं है
और ना ही इस से सम्बन्ध रखने वाली कंपनियो से इनका कोई व्यापार है
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कम्पनी की तरफ़ से दिया गया बयान-
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड , रिलायंस रिटेल लिमिटेड ( RRL ) , रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड
( RJIL ) और रिलायंस से जुड़ी कोई भी अन्य कंपनी न तो कॉरपोरेट या कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग करती है
और न ही करवाती है । और न ही भविष्य में इस बिजनेस में उतरने की कंपनी की कोई योजना है।
• ” कॉर्पोरेट ” या ” कॉन्ट्रैक्ट ” खेती के लिए रिलायंस या रिलायंस की सहायक किसी भी कंपनी ने
प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से खेती की कोई भी जमीन हरियाणा / पंजाब अथवा देश के किसी दूसरे हिस्से नहीं खरीदी है।
न ही भविष्य में भी ऐसा करने की हमारी कोई योजना है।
• भारत में संगठित रिटेल कारोबार में रिलायंस रिटेल एक अग्रणी कंपनी है ।
यह देश में दूसरी कंपनियों , निर्माताओं और आपूर्तिकर्ताओं के विभिन्न ब्रांडों के खाद्य ,
अनाज , फल , सब्जियां और दैनिक उपयोग की वस्तुएं , परिधान , दवाएं ,
इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स सहित सभी कटेगरी के प्रोडक्ट्स को बेचती है ।
यह किसानों से सीधी खरीद नही करती । किसानों से अनुचित लाभ लेने के लिए कंपनी ने कभी
भी लंबी अवधि खरीद कॉन्ट्रैक्ट नहीं किए हैं , और न ही
• 130 करोड़ भारतीयों का पेट भरने वाले किसान अन्नदाता हैं
और उनका हम सम्मान करते हैं।
रिलायंस और उसके सहयोगी किसान को समृद्ध और सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
इसलिए कंपनी और उसके सहयोगी कड़ी मेहनत और समर्पण के साथ पैदा की गई उनकी उपज
का किसानों को उचित और लाभदायक मूल्य मिले इसका पूरा समर्थन करते है।
रिलायंस स्थायी आधार पर किसानों की आय में वृद्धि चाहता है ,
और इस लक्ष्य के लिए काम करने को प्रतिबद्ध है।
रिलायंस समूह ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि प्रतिद्वंदी कंपनियो का इस साज़िश में हाथ है
इसकी शिकायत दूर संचार विभाग में की जा चुकी है। इसके जवाब में भारतीय एयरटेल व वोडाफ़ोन-आइडिया
ने रिलायंस के आरोपो को बेबुनियाद ठहराया तथा इस विषय में दूरसंचार विभाग को सूचना भी दी।