वर्ष 2015 में तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के प्रयासों से गीता भारत लौटी थी।
इसके बाद से उसे मध्यप्रदेश के इंदौर स्थित एक गैरसरकारी संगठन (एनजीओ) में संस्थागत पुनर्वास के लिए रखा गया था।
तीन माह पहले गीता को इंदौर जिला प्रशासन और स्थानीय पुलिस विभाग की पहल पर सांकेतिक भाषा विशेषज्ञ ज्ञानेंद्र पुरोहित को सौंपकर योजनाबद्ध तरीके से उसके माता-पिता की खोजबीन के प्रयास तेज किये गए हैं।
तीस वर्षीय गीता के माता-पिता की खोजबीन संबंधी दल का नेतृत्व कर रहे श्री पुरोहित ने दूरभाष पर यूनीवार्ता को बताया कि 12 दिसंबर को वे गीता को एक चारपहिया वाहन से लेकर इंदौर से महाराष्ट्र के औरंगाबाद के लिए निकले हैं।
यहां स्थानीय पुलिस और कुछ एनजीओ की मदद से संभावित स्थानों पर गीता को ले जाया गया है।
श्री पुरोहित के अनुसार लगभग 22-23 वर्ष पहले अपनों से बिछड़कर महज 7-8 वर्ष की आयु में पाकिस्तान पहुंची
गीता ने महाराष्ट्र के इन क्षेत्रों को लेकर कुछ संकेत दिए थे।
उन्हीं संकेतों के आधार पर उसे यहां नांदेड़, जालना और पांच अन्य जिलों में भ्रमण कराया जाएगा।