उत्तराखंड और राजस्थान के मदरसों और स्कूलों में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्णय

उत्तराखंड सरकार ने राज्य के सभी मान्यता प्राप्त मदरसों के पाठ्यक्रम में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को शामिल करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इस पहल का उद्देश्य छात्रों को भारतीय सेना की वीरता और आतंकवाद के खिलाफ की गई कार्रवाईयों के बारे में शिक्षित करना है।
ऑपरेशन सिंदूर क्या है?
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी। इस हमले के जवाब में, भारतीय सेना ने 7 मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित नौ आतंकी ठिकानों पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत एयर स्ट्राइक की। इस कार्रवाई का उद्देश्य आतंकवाद के खिलाफ कड़ा संदेश देना और देश की सुरक्षा सुनिश्चित करना था।
उत्तराखंड में पहल
उत्तराखंड मदरसा शिक्षा परिषद के अध्यक्ष मुफ्ती शामून कासमी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात के बाद इस निर्णय की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह कदम छात्रों में देशभक्ति की भावना जागृत करने और उन्हें मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ने की दिशा में उठाया गया है। राज्य में 451 मान्यता प्राप्त मदरसे हैं, जिनमें लगभग 50,000 छात्र अध्ययनरत हैं। इन सभी मदरसों में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा।
वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि उत्तराखंड को ‘सैनिकों की भूमि’ कहा जाता है, और यहां के बच्चों को भारतीय सेना की वीरता की कहानियों से अवगत कराना आवश्यक है।
राजस्थान में भी शामिल होगा पाठ्यक्रम में
राजस्थान सरकार ने भी ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को राज्य के स्कूलों और कॉलेजों के पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्णय लिया है। नई शिक्षा नीति के तहत, इस शैक्षणिक सत्र से इसे स्कूली सिलेबस में जोड़ा जाएगा, ताकि छात्र देश की सुरक्षा और सेना की भूमिका के बारे में जागरूक हो सकें।
निष्कर्ष
‘ऑपरेशन सिंदूर’ को उत्तराखंड और राजस्थान के शैक्षणिक संस्थानों के पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्णय छात्रों में देशभक्ति की भावना को प्रबल करेगा और उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा के महत्व के प्रति सजग बनाएगा। यह पहल मदरसों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों को मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
video credit ANI NEWS