नरसिंहपुर जिले में एक वरिष्ठ अधिकारी की लापरवाही ने प्रशासन को हिला कर रख दिया है। उपराष्ट्रपति और मुख्यमंत्री के संभावित दौरे को लेकर आयोजित एक महत्वपूर्ण मीटिंग में लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री अरनव गुहा ने आने से साफ इनकार कर दिया। चौंकाने वाली बात यह रही कि उन्होंने कारण बताते हुए कहा, “शराब के नशे में हूं, नहीं आ सकता।”
यह मीटिंग 18 मई की शाम को कलेक्टर शीतला पटले द्वारा कृषि मेले की तैयारियों को लेकर बुलाई गई थी। 26 से 28 मई के बीच कृषि विज्ञान केंद्र के पास यह मेला आयोजित किया जाना है, जिसमें देश के उपराष्ट्रपति और राज्य के मुख्यमंत्री के आने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में प्रशासन इस आयोजन की तैयारियों को लेकर बेहद गंभीर है।
मीटिंग में लोक निर्माण विभाग की भूमिका अहम थी क्योंकि हेलिपैड से लेकर कार्यक्रम स्थल तक की सारी व्यवस्थाएँ इसी विभाग के अंतर्गत आती हैं। लेकिन जब कार्यपालन यंत्री अरनव गुहा मीटिंग में नहीं पहुंचे, तो कलेक्टर ने अपने स्टेनो से उन्हें कॉल करवाया। फोन पर गुहा ने साफ कहा कि वे शराब के नशे में हैं और मीटिंग में शामिल नहीं हो सकते।
कलेक्टर ने दिए सख्त निर्देश
सूत्रों के अनुसार, गुहा उस समय विभागीय रेस्ट हाउस में शराब का सेवन कर रहे थे। जब इस बात की पुष्टि हुई, तो कलेक्टर शीतला पटले ने तुरंत उन्हें मेडिकल परीक्षण के लिए बुलवाया और FIR दर्ज करने के निर्देश भी दिए। हालांकि, किसी ने गुहा को इसकी जानकारी दे दी और वे वहां से भाग निकले।
इसके बाद कलेक्टर ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है और तीन दिनों के भीतर संतोषजनक जवाब देने को कहा है। यदि समय पर जवाब नहीं मिला तो उनके खिलाफ कड़ी विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासनिक नियमों की उड़ रही धज्जियाँ
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि जिले के कुछ वरिष्ठ अधिकारी अब प्रशासनिक नियमों को ताक पर रखकर कार्य कर रहे हैं। ड्यूटी के समय शराब पीना और उच्च अधिकारियों के निर्देशों की अवहेलना करना एक गंभीर अपराध है, जिससे न केवल विभाग की छवि खराब होती है, बल्कि महत्वपूर्ण कार्यक्रमों की तैयारियाँ भी प्रभावित होती हैं।
प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और पूरे घटनाक्रम की जांच जारी है। यह देखना अब दिलचस्प होगा कि संबंधित अधिकारी पर क्या कार्रवाई होती है और यह घटना अन्य अधिकारियों के लिए चेतावनी का काम करती है या नहीं।