फुटबॉल दुनिया का सबसे खूबसूरत और फिट खेल है। फुटबॉल को मेरी गलतियों की कीमत नहीं चुकानी चाहिए।
इसमें गेंद की कोई गलती नहीं है।”
माराडोना ने एक बार कहा था, “फुटबॉल दुनिया का सबसे खूबसूरत और फिट खेल है।
फुटबॉल को मेरी गलतियों की कीमत नहीं चुकानी चाहिए। इसमें गेंद की कोई गलती नहीं है।”
अर्जेंटीना के माराडोना ने 1997 में प्रोफेशनल फुटबॉल से संन्यास ले लिया था।
वर्ष 2000 में मौत से बचने के बाद वह रिहैबिलिटेशन में चले गए थे और 2000 से 2005 के बीच उनका क्यूबा में आना-जाना लगा रहा।
उस दौरान उन्होंने अपना काफी समय फिदेल कास्त्रो के साथ गुजारा। उनके पैर पर इस क्यूबा नेता का टेटू बना हुआ था।
माराडोना को 2000 में फीफा का शताब्दी अवार्ड दिया गया था और उन्होंने महान पेले को दूसरे स्थान पर छोड़ दिया था।
माराडोना 2008 में अर्जेंटीना के कोच बने, उन्होंने अपनी टीम को दक्षिण अफ्रीका में विश्व कप के लिए क्वालीफाई
कराया जहां टीम क्वार्टरफाइनल में पहुंचकर हारी। माराडोना फुटबॉल की महान शख्सियत थे।
उन्हें मैदान के अंदर पैरों की बाजीगरी के लिए हमेशा फुटबॉल के भगवान के तौर पर याद किया जाएगा।