CBFC ने दी मंजूरी, लेकिन करना पड़ा ये बड़े बदलाव
सिद्धांत चतुर्वेदी और तृप्ति डिमरी स्टारर ‘धड़क 2’ को सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) ने ‘U/A’ सर्टिफिकेट दे दिया है। लेकिन इसके साथ ही सेंसर बोर्ड ने फिल्म में कई महत्वपूर्ण कट्स करने के निर्देश भी दिए हैं।
CBFC ने फिल्म में कुल 11 बदलाव करने को कहा है। इनमें से कुछ डायलॉग्स को हटाया गया है, तो कुछ शब्दों को म्यूट करने की सलाह दी गई है। वहीं फिल्म के कुछ सीन्स की लंबाई में भी कटौती की गई है। फिल्म का रन टाइम अब 128 मिनट है।
फिल्म में 11 बदलाव
हालांकि सर्टिफिकेट मिलने से पहले सेंसर बोर्ड ने फिल्म धड़क-2 में बहुत सारे बदलाव करवाएं हैं. जिसमें कई पॉलिटिकल डायलॉग, कुछ जाति सूचक शब्द है. कुछ सीन्स को भी चेंज करने के लिए मेकर्स से कहा गया है. ‘द हिंदू’ की रिपोर्ट के मुताबिक फिल्म में क्या-क्या बदलाव करवाए गए हैं, आइए जानते हैं.
1. डायलॉग- ‘3,000 साल का बैकलॉग सिर्फ 70 साल में पूरा नहीं होगा.’
बदला गया- इतने सालों का बैकलॉग सिर्फ 70 सालों में पूरा नहीं हो सकता…. बता दें कि हाल ही में रिलीज हुई ‘फुले’ पर भी इस डायलॉग को बदला गया था. उसमें भी ‘3000 साल पुरानी गुलामी’ को ‘कई साल पुरानी’ किया गया था.
2. डायलॉग- निलेश, ये कलम देख रहे हो, वे दुनिया पर राज कर रहे हैं.
बता दें कि ये संवाद बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशीराम की उस लोकप्रिय उपमा का जिक्र है जिसमें ऊंची जाति को कलम की निब कहा गया है.
बदला गया- इसे ‘ये छोटा सा ढक्कन पूरी कलम का थोड़ा सा हिस्सा है और बाकी के हैं हम…’ से बदला गया है.

3. जातिसूचक शब्दों को म्यूट कर दिया गया है. उनकी जगह जंगली जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया है.
4. डायलॉग- ये धर्म का काम है. बदलकर ‘ये पुण्य का काम है’ किया गया.
5. डायलॉग- ‘सवर्णों के सड़क… हमें जला देते थे…’
बदला गया- ‘ना सड़के हमारी थी, ना ज़मीन हमारी थी…’ जैसे बड़े डायलॉग से बदल दिया गया.
6. फिल्म में महिला के खिलाफ हिंसा का सीन भी था, जिसे ब्लैक स्क्रीम में बदल दिया गया है.
7. इसके अलावा CBFC ने ‘ठाकुर का कुआं’ कविता के पाठ पर भी सेंसर लगा दिया है.
8. वहीं संत तुलसीदास के दोहे पर बने गाने को भी बदलवा दिया गया है.
9. फिल्म की शुरुआत में 20 सेकेंड के डिस्क्लेमर को एक मिनट 51 सेकेंड जितना लंबा कर दिया है. सेंसर बोर्ड ने ये भी कहा कि इस डिस्क्लेमर को जोर से पढ़ा जाए.
10. इसके आलावा तीन विजुअल्स कट भी हैं, जिसमें निलेश (फिल्म में दलित किरदार) पर पेशाब करने वाले सीन को सेंसर कर दिया गया है.
11. वहीं निलेश के पिता को अपमानित करने वाले सीन को भी छोटा कर दिया है.