जय किसान फसल ऋण माफी योजना – मुख्यमंत्री कमल नाथ आज रतलाम से करेंगे शुरुआत भोपाल – मध्यप्रदेश की महात्वाकांक्षी किसान फसल ऋण माफी योजना शुक्रवार से शुरू हो रही है। मुख्यमंत्री कमल नाथ आज रतलाम से इस योजना के तहत किसानों के खातों में रुपये ट्रांसफर करेंगे। इसी के साथ ही पूरे प्रदेश के किसानों के खाते में रुपये डाले जाएंगे।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गुरुवा को ट्वीट किया कि जय किसान फसल ऋण माफी योजना में सभी पात्र किसानों के फसल ऋण खातों में ऋण माफी की राशि 22 फरवरी से एक मार्च 2019 तक जमा कराई जाएगी। मुख्यमंत्री कमल नाथ 22 फरवरी को रतलाम में किसानों के ऋण खातों में ऋण माफी की राशि अंतरण की कार्यवाही का शुभारंभ करेंगे।
पहले चरण में 50 हजार तक कर्ज वाले किसानों को चुना गया है, इन किसानों को राशि दी जाएगी। इस चरण में करीब 25 लाख किसान लाभांवित होंगे। मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि आचार संहिता लागू होने से पहले ही 25 लाख किसानों को ऋण की राशि पहुंचा दी जाएगी।
ओला-पाला से प्रभावित किसानों को राहत 30 करोड़ रुपए की राहत स्वीकृत
मप्र में असमय मौसम बदलाव के कारण फसल क्षति की राशि भी किसानों के खाते में डाली जाएगी। ओला-पाला प्रभावित फसलों के 25 प्रतिशत से अधिक नुकसान पर राहत राशि दी जाएगी। राहत राशि के लिए 30 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं। यह राशि प्रभावित जिलों को आवंटित कर दी गई है।
विधानसभा में राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने यह जानकारी गुरुवार को दी।
मंत्री राजपूत प्रदेश में फसलों को पाले से हुए नुकसान के बारे में राज्य सरकार द्वारा कृषकों को सर्वेवार मुआवजा तथा फसलों का उचित मूल्य और भावांतर भुगतान न किए जाने से उत्पन्न स्थिति पर नियम-139 के तहत चर्चा पर जवाब दे रहे थे। सिंह ने बताया कि सर्वे के बाद 25 फरवरी से राहत राशि का वितरण भी शुरू हो जाएगा। जय किसान ऋ ण माफी योजना में 22 फरवरी से बैंकों द्वारा किसानों को नो-ड्यूज सर्टिफिकेट देना शुरू कर दिया जाएगा।
भावांतर का पैसा भी किसानों को मिलेगा
भावांतर योजना में सरकार ने 1500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। राजस्व मंत्री ने बताया कि हर गांव में पटवारी नियुक्त किए जाएंगे। राजस्व की लोक अदालतों में ढाई लाख से अधिक प्रकरण प्राप्त हुए। इनमें से डेढ़ लाख का निराकरण हो चुका है।
विधानसभा अनिश्चित काल के लिए स्थगित
मध्य प्रदेश की 15वीं विधानसभा का दूसरा सत्र गुरुवार को अनिश्चित काल के लिए समाप्त हो गया। यह सत्र 18 फरवरी से प्रारंभ हुआ था। गौरतलब है कि बुधवार को सरकार ने अपने 4 महीने के खर्च के लिए लेखानुदान पेश किया था।
गुरुवार को सदन में हल्की नोंकझोंक के साथ कार्यवाही जारी रही।
विधानसभा के भूतपूर्व सदस्य राधेश्याम मांदलिया के निधन के उल्लेख के बाद प्रश्नकाल सुचारू रूप से चला। विधायक नीरज विनोद दीक्षित ने सवाल किया कि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में महज 10 दिन ही काम करने वाले अधिकारी को सुशील चंद्र वर्मा पुरस्कार दे दिया गया, जबकि उनसे पहले 11 महीने से कार्यरत अफसर को दरकिनार कर दिया गया।
विधायक अरविंद भदौरिया ने एनएच 92 की खस्ताहालत पर सवाल करते हुए कहा कि सड़क खराब होने के बाद भी यहां टोल टैक्स वसूली की जा रही है। इस पर लोक निर्माण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने जवाब दिया कि सड़क की देखभाल ठेकेदार द्वारा की जा रही है। इस पर भदौरिया ने सवाल किया कि 2300 पेड़ काटने के बदले 23 हजार पेड़ लगाए गए थे, जिनमें से 10 प्रतिशत भी जीवित नहीं बचे हैं। किसानों को पाले की राशि न मिलने के कारण विपक्षी दल भाजपा ने बहिर्गमन भी किया।
मंत्रियों ने तोड़ा अनुशासन, खफा हुए अध्यक्ष 5 मिनिट के लिए स्थगित किया सदन
विधान सभा में उस वक्त अजब स्थिति बन गई, जबकि प्रश्नकाल के दौरान मंत्रियों ने अनुशासन तोड़ दिया। कार्यवाही के दौरान ही कुछ मंत्रि इधर-उधर घूमते दिखाई दिये। अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने सभी मंत्रियों से बैठने का आग्रह किया, लेकिन मंत्रियों ने इस बात को अनसुना कर दिया। इस पर अध्यक्ष ने सख्ती दिखाते हुए कहा कि मैं किसी भी मंत्री को नोटिस जारी कर दूंगा। इसके बाद कुछ मंत्री तो अपनी जगह में बैठ गए, लेकिन कुछ घूमते रहे। इस हरकत से नाराज अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 5 मिनिट के लिए स्थगित कर दी।