भारत बना सबसे बड़ा मोबाइल गेमिंग बाजार
आंकड़ों के मुताबिक, भारत में करीब 40 करोड़ से ज्यादा लोग मोबाइल गेम खेलते हैं। गेमिंग इंडस्ट्री जितनी तेजी से बढ़ रही है, उतनी ही रफ्तार से साइबर फ्रॉड भी बढ़ रहा है।
कैसे होता है गेम के बहाने फ्रॉड ?

साइबर पुलिस अफसरों के मुताबिक, ऑनलाइन गेमिंग के जरिए स्कैमर आपकी ID, बैंक डिटेल, क्रेडिट/डेबिट कार्ड की जानकारी चुरा लेते हैं। कुछ बदमाश तो गेमिंग में हार-जीत का कंट्रोल भी खुद रखते हैं।
हाल ही में यूपी में एक गिरोह पकड़ा गया, जो कम पैसे लगाकर ज्यादा कमाने का लालच देकर लोगों को फंसाता था।
गृह मंत्रालय ने जारी किया अलर्ट
बीते समय में महादेव बेटिंग ऐप जैसे कई फर्जी गेमिंग ऐप्स को लेकर ईडी ने छापेमारी की थी। इन ऐप्स पर सट्टेबाजी और गैरकानूनी गेमिंग करवाई जाती थी।
इसी वजह से गृह मंत्रालय की साइबर विंग ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। करीब 580 ऐप्स को ब्लॉक भी किया गया, जिनमें 174 सट्टेबाजी ऐप्स थे।
ऑनलाइन गेमिंग से क्या-क्या खतरे हैं?

- ऐप डाउनलोड करते ही नाम, नंबर और बैंक डिटेल मांगी जाती है।
- ठग इनसे नया अकाउंट खोल सकते हैं या बैंक अकाउंट हैक कर सकते हैं।
- गेमर्स को डराने-धमकाने और साइबर बुलिंग का भी डर।
- फर्जी लिंक भेजकर फोन में वायरस डाल सकते हैं।
- कुछ गेम्स के साथ मालवेयर भी आ जाते हैं, जो डेटा चोरी करते हैं।
- साइबर अपराधी खुद को नाबालिग बताकर बच्चों से दोस्ती करते हैं।
- गेम में टास्क देकर गैरकानूनी काम करवा सकते हैं।
बचाव कैसे करें ?

- हमेशा गेमिंग ऐप के पब्लिशर की जानकारी जांच लें।
- पर्सनल डिटेल देने से बचें।
- संदिग्ध ईमेल या मेसेज लिंक पर क्लिक न करें।
- किसी के साथ बैंक कार्ड की जानकारी शेयर न करें।
- अपने फोन में अच्छा एंटीवायरस लगाएं।
- गेमिंग अकाउंट के लिए मजबूत पासवर्ड रखें।
- किसी दिक्कत पर तुरंत माता-पिता या साइबर सेल से संपर्क करें।
कहां करें शिकायत ?
अगर आपके साथ भी ऐसा कुछ हो जाए, तो बिना देर किए —
- साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें।
- cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।
- नजदीकी साइबर थाना में जाकर जानकारी