नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया गया है। 1 जुलाई 2025 से अगर आपका वाहन पुराना है, तो आपको पेट्रोल या डीजल नहीं मिलेगा! दिल्ली सरकार ने ऐलान किया है कि 10 साल से पुराने डीजल और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों को फ्यूल स्टेशन पर ईंधन नहीं दिया जाएगा। यह नियम लागू होते ही लाखों वाहन सड़कों से गायब हो सकते हैं।
कौन-कौन से वाहन होंगे इस फैसले से प्रभावित?
- 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल वाहन
- 15 साल से ज्यादा पुराने पेट्रोल वाहन
- बीएस-6 से कम मानक वाले वाहन
दिल्ली में ऐसे वाहनों की संख्या 62 लाख के करीब है, जिनमें से 41 लाख दोपहिया और 18 लाख चार पहिया वाहन शामिल हैं। एनसीआर के अन्य इलाकों — हरियाणा, यूपी और राजस्थान — में भी लाखों पुराने वाहन हैं जो इस नियम की जद में आ सकते हैं।
फ्यूल नहीं मिलेगा, जब्ती की भी तैयारी
सरकार ने साफ कहा है कि अगर पुराने वाहन जबरन चलाए गए तो उन्हें जब्त किया जा सकता है। इसके लिए एनपीआर (National Permit Registration) कैमरे 498 फ्यूल स्टेशनों पर लगाए गए हैं — 382 पेट्रोल-डीजल स्टेशन और 116 CNG स्टेशन।
प्रचार और तैयारियां जोरों पर
दिल्ली सरकार के परिवहन सचिव निहारिका राय और ट्रैफिक पुलिस के विशेष आयुक्त अजय चौधरी ने बताया कि डीलरों और लोगों के साथ कई दौर की मीटिंग की जा चुकी है। लोगों से उम्मीद है कि वे सहयोग करेंगे और कानून व्यवस्था की कोई दिक्कत नहीं होगी।
सरकार ने उन फ्यूल स्टेशनों को ‘हॉटस्पॉट’ चिन्हित किया है जहां पुराने वाहन सबसे ज्यादा आते हैं। वहां सबसे पहले सख्ती की जाएगी।
प्रदूषण के आंकड़े क्या कहते हैं?
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) के मुताबिक:
- दिल्ली-एनसीआर में PM 2.5 प्रदूषण में वाहनों का योगदान: 28%
- सल्फर ऑक्साइड में योगदान: 41%
- नाइट्रोजन ऑक्साइड में योगदान: 78%
ये आंकड़े साफ दिखाते हैं कि पुरानी गाड़ियों पर सख्ती जरूरी है
अगर आपका वाहन पुराना है, तो अब समय आ गया है उसे रिटायर करने का। वरना न सिर्फ पेट्रोल-डीजल मिलेगा नहीं, बल्कि गाड़ी भी जब्त हो सकती है। स्वच्छ हवा और स्वस्थ जीवन के लिए यह कदम अहम है — और दिल्ली अब साफ हवा की ओर एक ठोस कदम बढ़ा चुकी है।