Maratha Reservation Protests: महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आंदोलन एक बार फिर हिंसक हो गया है। सोमवार को बीड समेत राज्य के कई जिलों में हिंसक प्रदर्शन हुए। बीड में एनसीपी सांसद प्रकाश सोलंके के आवास पर पथराव और आगजनी हुई। हमले के वक्त विधायक अपने घर पर मौजूद थे। गनीमत रही कि किसी को चोट नहीं आई। इसी तरह महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों से प्रदर्शन की खबरें आ रही हैं। हाईवे पर आगजनी भी हुई।
महाराष्ट्र सरकार ने दी गंभीर अपील
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुंबई के सह्याद्री गेस्ट हाउस में मराठा आरक्षण पर कैबिनेट उप-समिति की बैठक की अध्यक्षता की। बैठक के बाद बोर्ड के अध्यक्ष एकनाथ शिंदे ने कहा, ”मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए गठित शिंदे न्यायिक समिति ने अपनी पहली रिपोर्ट हमें सौंप दी है। समिति को दो महीने का विस्तार दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट मराठा आरक्षण के मुद्दे पर हमारी उपचारात्मक याचिका पर सुनवाई करने के लिए सहमत हो गया है…लोगों से मेरी गंभीर अपील है कि वे कोई भी अतिवादी कदम न उठाएं, हम मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
क्या है मराठा आरक्षण आंदोलन?
मराठा समुदाय महाराष्ट्र की सबसे बड़ी जनजातियों में से एक है। मराठा समुदाय को आरक्षण देने की मांग लंबे समय से चल रही है। 2018 में, महाराष्ट्र सरकार ने मराठा समुदाय को 16% आरक्षण देने का फैसला किया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को रद्द कर दिया था। इसके बाद से मराठा समुदाय आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहा है।
महाराष्ट्र सरकार के कदम
महाराष्ट्र सरकार ने मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए कई कदम उठाए हैं। सरकार ने मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए एक न्यायिक समिति का गठन किया है।
समिति ने अपनी पहली रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। समिति ने सुझाव दिया है कि मराठा समुदाय को 16% आरक्षण दिया जाए।
महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक उपचारात्मक याचिका भी दायर की है। याचिका में सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से मराठा समुदाय को 16% आरक्षण देने की अनुमति देने की मांग की है।
महाराष्ट्र सरकार के इन कदमों के बावजूद, मराठा समुदाय के कुछ सदस्यों ने हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं।