मुंबई के जुहू कोलीवाड़ा की गलियों में रहने वाली सैनीता चक्रवर्ती, जिसे सब प्यार से ‘पिंकी’ बुलाते थे। उसकी आंखों में सपने थे — आसमान में उड़ने के। उसने हाल ही में Go Air छोड़कर एयर इंडिया जॉइन किया था। ये उसके करियर की नई शुरुआत थी।
बचपन के दोस्त निकी डिसूजा बताते हैं — “हम बचपन से साथ बड़े हुए। उसने मानेकजी कूपर स्कूल और मिठीबाई कॉलेज से पढ़ाई की थी। एयर होस्टेस बनने का उसका सपना पूरा हुआ था। वो बहुत मेहनती थी। जब कभी वो अपनी यूनिफॉर्म में दिखती थी, तो मैं गर्व महसूस करता था। ये खबर सुनकर दिल टूट गया।”
मां का टूटा हुआ दिल
सैनीता की मां अभी भी गहरे सदमे में हैं। वो बार-बार बस एक ही बात कह रही हैं — “मुझे बस एक दिन दे दो… पहले वो घर आ जाए।” उनकी कांपती आवाज और दरवाजे पर टिकी निगाहें देख हर किसी की आंखें भर आ रही हैं।
हादसे वाले दिन का किस्सा
गुरुवार को सैनीता अहमदाबाद ड्यूटी पर गई थी। वहां से उसे एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 से लंदन जाना था। लेकिन किसी को नहीं पता था कि ये उसकी आखिरी उड़ान होगी।
फ्लाइट ने जैसे ही उड़ान भरी, कुछ ही पलों में प्लेन क्रैश हो गया। 230 यात्रियों और 10 केबिन क्रू के साथ भरी इस फ्लाइट में आग लग गई। हादसे की खबर जुहू कोलीवाड़ा पहुंचते ही पूरा इलाका सन्नाटे में डूब गया।
सपनों से भरी आंखें अब हमेशा के लिए बंद हो गईं। जिसने आसमान को अपना वर्कफील्ड बनाया था, उसी आसमान ने उसे अपने आंचल में समेट लिया।