तेहरान/नई दिल्ली – ईरान पर इज़राइली हवाई हमलों के बाद वहाँ पढ़ रहे भारतीय छात्र डर और चिंता के माहौल में जी रहे हैं। खासकर राजधानी तेहरान और उसके आसपास के क्षेत्रों में तनाव के बीच भारतीय छात्रों ने भारत सरकार से तत्काल निकासी (evacuation) की अपील की है।
“ज़मीन हिलने लगी, हम डर गए”
कश्मीर की रहने वाली तबिया ज़हरा, जो तेहरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज़ (TUMS) में एमबीबीएस की दूसरी वर्ष की छात्रा हैं, ने बताया, “हम अभी तो सुरक्षित हैं लेकिन डरे हुए हैं। सुबह 3:30 बजे धमाकों की आवाज़ें आईं और ज़मीन कांपने लगी। यह बहुत डरावना अनुभव था।”
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों से मिलकर उन्हें शांत रहने की सलाह दी, लेकिन यह नहीं बताया कि कौन से इलाके सुरक्षित हैं।
इंटरनेट बाधित, जानकारी की किल्लत
ज़हरा ने सरकार से अपील करते हुए कहा कि स्थिति साफ़ नहीं है और कई इलाकों में इंटरनेट सेवा बाधित होने से संपर्क करना भी मुश्किल हो रहा है।
दूतावास जुटा रहा जानकारी
उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ की रहने वाली छात्रा अलीशा रिज़वी ने बताया, “भारतीय दूतावास ने हमसे स्थानीय पते और संपर्क जानकारी ईमेल के माध्यम से मांगी है, ताकि अगर ज़रूरत पड़े तो हमें निकाला जा सके।”
दोनों छात्राएं 2023 में ईरान पहुँची थीं और 5.5 वर्षीय एमबीबीएस कार्यक्रम के दूसरे वर्ष में हैं। उन्होंने पुष्टि की कि तेहरान का हवाई क्षेत्र बंद कर दिया गया है और इमाम खुमैनी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ानें स्थगित कर दी गई हैं।
तेहरान से उठा काला धुआं, दहशत का माहौल
गुरुवार देर रात इज़राइल ने ईरान पर जबरदस्त हवाई हमले किए, जिनमें नैतान्ज़ में स्थित प्रमुख परमाणु संयंत्र, रडार स्टेशन और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल साइट्स को निशाना बनाया गया।
तेहरान और पश्चिमी ईरान के कई हिस्सों में धमाकों की आवाज़ और काले धुएं के गुबार देखे गए।
ईरान का जवाबी हमला, ड्रोन से पलटवार
इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमलों की पुष्टि करते हुए कहा कि यह ईरान के परमाणु और सैन्य ढांचे को नुकसान पहुँचाने के लिए था। जवाब में, ईरान ने इज़राइल की ओर ड्रोन हमलों का जवाबी हमला किया।
भारतीय छात्रों के लिए खतरा बढ़ा
इस बिगड़ती स्थिति के बीच जम्मू-कश्मीर स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर को पत्र लिखकर छात्रों को सुरक्षित निकालने की अपील की है, विशेषकर उन छात्रों को जो रणनीतिक क्षेत्रों के पास स्थित विश्वविद्यालयों में पढ़ाई कर रहे हैं।
एसोसिएशन के राष्ट्रीय संयोजक नासिर खुहामी ने बताया, “हमें छात्रों और उनके परिवारों से लगातार फोन आ रहे हैं। कई छात्रों ने एयर रेड सायरन और झटकों की जानकारी दी है। सरकार को तत्परता दिखानी चाहिए और हर स्थिति के लिए योजना तैयार रखनी चाहिए।”
क्या करें भारतीय सरकार?
एसोसिएशन ने भारतीय दूतावास से बेहतर संवाद और पारदर्शिता बनाए रखने की अपील की है और कहा है कि हालात बिगड़ने की सूरत में एक कंटीजेंसी प्लान तैयार रहना चाहिए।