प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 51वें जी-7 सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए कनाडा पहुंच गए हैं। सम्मेलन का आयोजन अल्बर्टा के कनाकास्किस में किया जा रहा है। कैलगरी पहुंचे पीएम मोदी जल्द ही कनाकास्किस के लिए रवाना होंगे।
प्रधानमंत्री मोदी को यह निमंत्रण कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने भेजा है। 16-17 जून को आयोजित इस सम्मेलन में फ्रांस, अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी, जापान और इटली के प्रमुख नेता भी भाग ले रहे हैं। यह लगातार छठी बार है जब पीएम मोदी जी-7 समिट में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
ट्रंप से नहीं हो सकेगी मुलाकात
सम्मेलन का पहला दिन काफी शानदार रहा, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अचानक वापसी के चलते उनकी पीएम मोदी से मुलाकात नहीं हो पाई। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने जानकारी दी कि,
“राष्ट्रपति ट्रंप ने जी-7 सम्मेलन में यूके के पीएम कीर स्टार्मर से मुलाकात कर अहम व्यापार समझौतों पर हस्ताक्षर किए। हालांकि, मिडिल ईस्ट की स्थिति के चलते वे अन्य राष्ट्राध्यक्षों के साथ डिनर में शामिल नहीं हो सके।”
क्यों खास है पीएम मोदी का यह कनाडा दौरा?
यह दौरा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत और कनाडा के बीच तनावपूर्ण संबंधों के बीच यह पीएम मोदी की पहली कनाडा यात्रा है। 2023 में कनाडा के एक गुरुद्वारे के बाहर खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या हुई थी। कनाडा की ओर से इस हत्या में भारतीय एजेंटों के शामिल होने का आरोप लगाया गया था, जिसके बाद दोनों देशों के संबंधों में तीखा तनाव आ गया था।
तत्कालीन कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के तीखे बयानों ने स्थिति और बिगाड़ी। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा दोनों देशों के रिश्तों में संभावित सुधार की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
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