जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने एक खास ब्लड टेस्ट तैयार किया है, जिसकी मदद से शरीर में कैंसर के शुरुआती संकेत बहुत पहले ही पकड़ में आ जाएंगे। यह जानकारी कैंसर डिस्कवरी जर्नल में छपी है।
हर साल लाखों मौतों का कारण है कैंसर

कैंसर दुनिया में तेजी से बढ़ती बीमारी है। साल 2022 में करीब 97 लाख लोगों की मौत कैंसर के कारण हुई थी। हेल्थ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि अगर समय रहते जांच और इलाज हो जाए, तो इनमें से कई जानें बचाई जा सकती थीं। भारत जैसे देशों में खासकर गांवों में कैंसर का जल्दी पता लगाना अब भी मुश्किल है।
देर से पता लगने पर बढ़ता है खतरा

डॉक्टरों का कहना है कि कैंसर का सबसे बड़ा खतरा ये है कि इसके लक्षण तब सामने आते हैं जब बीमारी बढ़ चुकी होती है। ऐसे में इलाज मुश्किल और महंगा दोनों हो जाता है। लेकिन अब वैज्ञानिकों ने ऐसी तकनीक खोजी है, जिससे ब्लड टेस्ट करके कैंसर के संकेत पहले ही पकड़ लिए जाएंगे।
क्या है ये नई खोज?

शोधकर्ताओं ने बताया कि कैंसर एक दिन में नहीं होता। जब शरीर में ट्यूमर बनता है, तो वह खून में अपने छोटे-छोटे टुकड़े छोड़ता है। ये टुकड़े लक्षण दिखने से पहले ही ब्लड में नजर आने लगते हैं। इसी के जरिए 2-3 साल पहले ही बीमारी का पता लगाया जा सकेगा।
प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. युक्सुआन वांग ने कहा कि ये ब्लड टेस्ट कैंसर से होने वाली मौतों को कम करने में मददगार साबित हो सकता है।
मल्टीकैंसर अर्ली डिटेक्शन (MCED) टेस्ट

इस रिसर्च में वैज्ञानिकों ने मल्टीकैंसर अर्ली डिटेक्शन (MCED) नाम का ब्लड टेस्ट किया। इसमें लोगों के खून के नमूने लेकर कई साल तक उनकी सेहत पर नजर रखी गई। जिनके खून में ट्यूमर के कण मिले, उनमें आगे चलकर कैंसर का पता चला।
शोधकर्ताओं का कहना है कि अगर ये टेस्ट बड़े स्तर पर सफल हो गया तो भविष्य में कैंसर का इलाज आसान और सस्ता हो जाएगा और लाखों जिंदगियां बचाई जा सकेंगी।