ड्रोन ट्रेनिंग के दौरान हुआ हादसा
भोपाल के आर्मी फायरिंग रेंज में एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें सेना के जवान विजय सिंह की जान चली गई। यह घटना उस समय हुई जब ड्रोन से बम गिराने की ट्रेनिंग चल रही थी। जानकारी के मुताबिक, ट्रेनिंग के दौरान करीब 4 किलो से ज्यादा वजनी डमी बम 400 फीट की ऊंचाई से गिराया गया था। दुर्भाग्य से बम सीधा जवान विजय सिंह के सिर पर गिरा, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना के तुरंत बाद उन्हें सेना के अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
कौन थे विजय सिंह?
मृतक जवान विजय सिंह 37 साल के थे और अपने परिवार के इकलौते कमाने वाले सदस्य बताए जा रहे हैं। वह सेना में कई वर्षों से सेवाएं दे रहे थे। विजय सिंह का यह बलिदान सेना और देश दोनों के लिए एक बड़ी क्षति है। उनके परिवार में माता-पिता, पत्नी और दो छोटे बच्चे हैं, जो अब इस असमय दुखद घटना से टूट चुके हैं
कैसे हुआ हादसा?
इस ट्रेनिंग का मकसद ड्रोन से बम गिराने की सटीक तकनीक विकसित करना था। सेना नियमित रूप से इस तरह की ड्रोन ऑपरेशन ट्रेनिंग करती है ताकि युद्ध या ऑपरेशन के समय ड्रोन का सही तरीके से उपयोग किया जा सके। लेकिन इस बार ट्रेनिंग के दौरान या तो तकनीकी गड़बड़ी आई या किसी स्तर पर मानवीय चूक हुई, जिससे डमी बम सीधा जवान पर गिर गया। सेना इस हादसे की गंभीर जांच कर रही है और शुरुआती तौर पर इसे एक दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना माना जा रहा है।
सेना ने क्या कदम उठाए?
हादसे के बाद सेना ने ड्रोन ट्रेनिंग और फायरिंग रेंज में सुरक्षा मानकों को और सख्त करने के निर्देश दिए हैं। अधिकारियों का कहना है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए ट्रेनिंग प्रोटोकॉल और सुरक्षा व्यवस्था की गहन समीक्षा की जाएगी। सेना इस घटना को बहुत गंभीरता से ले रही है और हर स्तर पर जांच कर रही है ताकि ऐसी त्रुटियां दोबारा न हों।
भोपाल में हुआ यह हादसा सेना के लिए एक बड़ा सबक है कि चाहे डमी बम हो या असली, हर ट्रेनिंग मिशन में सुरक्षा सर्वोपरि होनी चाहिए। जवान विजय सिंह का बलिदान देश कभी नहीं भूलेगा। उनका साहस, कर्तव्य और समर्पण आने वाली पीढ़ियों के लिए हमेशा प्रेरणा का स्रोत रहेगा।