Adultery law in India :एडल्ट्री एक अंग्रेजी शब्द है, जिसका हिंदी अर्थ है व्यभिचार। व्यभिचार विवाहित लोगों के बीच विवाह से इतर शारीरिक संबंधों या अन्य किसी के साथ गलत संबंधों को कहा जाता है। ज्यादातर समाजों में इसे गलत निगाह से ही देखा जाता रहा है, कुछ देशों में इसको लेकर कड़े कानून भी हैं। हालांकि भारत में इसे लेकर कानून शिथिल कर दिए गए थे। इसीलिए इसे फिर से कड़ा करने की मांग हो रही है।
भारत में एडल्ट्री कानून
भारत में (Adultery law in India )एडल्ट्री कानून 1860 में बना था। इस कानून के तहत किसी विवाहित पुरुष को किसी अन्य विवाहित महिला के साथ यौन संबंध बनाने पर दोषी माना जाता था। इस अपराध की सजा पांच साल की जेल या जुर्माना या दोनों थी। इस कानून में महिला को दोषी नहीं माना जाता था।
सुप्रीम कोर्ट ने एडल्ट्री कानून को रद्द कर दिया
2018 में सुप्रीम कोर्ट ने एडल्ट्री कानून को रद्द कर दिया। कोर्ट ने कहा कि यह कानून महिलाओं के खिलाफ भेदभावपूर्ण है। इस कानून के तहत केवल पुरुष को दोषी माना जाता था, जबकि महिला को नहीं। कोर्ट ने कहा कि यह कानून संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 का उल्लंघन करता है।
एडल्ट्री को गलत क्यों माना जाता है?
एडल्ट्री को गलत माना जाता है क्योंकि यह विवाह के संस्थान को कमजोर करता है। विवाह एक पवित्र बंधन है और इसका उल्लंघन करना गलत माना जाता है। एडल्ट्री से विवाह में विश्वास का अभाव हो जाता है और इससे तलाक जैसी समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं।
एडल्ट्री कानून को फिर से कड़ा करने की मांग
कुछ लोगों का मानना है कि एडल्ट्री कानून को फिर से कड़ा किया जाना चाहिए। उनका तर्क है कि इससे विवाह के संस्थान को मजबूती मिलेगी। उनका कहना है कि एडल्ट्री से विवाह में विश्वास का अभाव हो जाता है और इससे तलाक जैसी समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं।
हालांकि, कुछ लोगों का मानना है कि एडल्ट्री कानून को फिर से कड़ा करने से कोई फायदा नहीं होगा। उनका तर्क है कि यह कानून महिलाओं के खिलाफ भेदभावपूर्ण होगा। उनका कहना है कि इस कानून के तहत केवल पुरुष को दोषी माना जाएगा, जबकि महिला को नहीं।
क्या है एडल्ट्री या धारा 497?
धारा 497 केवल उस व्यक्ति के संबंध को अपराध मानती है, जिसके किसी और की पत्नी के साथ संबंध हैं. पत्नी को न तो व्यभिचारी और न ही कानून में अपराध माना जाता है, जबकि आदमी को पांच साल तक जेल का सामना करना पड़ता थाl
निष्कर्ष
एडल्ट्री एक जटिल मुद्दा है। इस पर अलग-अलग लोगों की अलग-अलग राय है। कुछ लोग इसे गलत मानते हैं, जबकि कुछ इसे सही मानते हैं। एडल्ट्री कानून को फिर से कड़ा करने या नहीं करने का फैसला करना भी एक जटिल मामला है।