कांग्रेस और अन्य दलों के साथ सीट बंटवारे के मुद्दे पर चर्चा करने से पहले समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) सबसे पहले अपने नेताओं की राय लेने के लिए एक बड़ी बैठक करेंगे. तीन दिवसीय बैठक के दौरान वह विभिन्न पार्टी नेताओं से बातचीत करेंगे और चुनावी रणनीति पर चर्चा करेंगे.
दिल्ली की सत्ता का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर जाता है, क्योंकि देश की सबसे ज्यादा 80 लोकसभा सीटें यहीं है. जहां बीजेपी का पूरा ध्यान यूपी Uttar Pradesh पर है और उसकी नजर 75 से ज्यादा सीटें जीतने पर है, वहीं विपक्ष उत्तर प्रदेश में ही प्रधानमंत्री मोदी की जीत को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है. हालांकि प्रदेश में सपा, सूबे में INDIA गठबंधन का हिस्सा सपा, कांग्रेस और आरएलडी है, लेकिन गठबंधन के नेतृत्व का जिम्मा अखिलेश यादव के कंधों पर है.
लोकसभा चुनाव के लिए सपा ने अपने नेताओं की तीन दिवसीय बैठक बुलाई है, जिसमें 8, 9 और 11 जनवरी को विभिन्न नेताओं के साथ बैठकें होंगी. इस दौरान अंतिम मंजूरी लेने के लिए अखिलेश अपने वरिष्ठों के साथ मंथन करेंगे. सीटों के आवंटन से लेकर उम्मीदवारों के नाम तक.