Jagannnath Yatra: आज से पूरे देश में जगन्नाथ यात्रा शुरू हो गई है, जो 8 जुलाई तक चलनी है। यह यात्रा हर साल आषाढ़ माह से शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर आरंभ होती है। इसका आयोजन ओडिशा के पुरी में खास तौर पर बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है, इस यात्रा में लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं। आपको बता दें कि रथ यात्रा के दौरान 3 रथ निकाले जाते हैं, जिसमें से एक पर जगन्नाथ जी और बाकी 2 रथों पर उनके भाई-बहन सवार रहते हैं। रथ यात्रा शुरू होने से पहले तीनों रथों की पूजा अर्चना की जाती है। पुरी के राजा सोने की झाड़ू से मंडप और रास्ते की सफाई करते हैं।
तीनों रथों के नाम और विशेषताएं
पुरी में निकलने वाली इस धार्मिक रथों के अलग-अलग नाम है।
भगवान जगन्नाथ के रथ का नाम नंदी घोष है। इसके अलावा, गरुड़ध्वज के नाम से भी जाना जाता है। यह रथ 42.65 फीट है, जिसमें 16 पहिए होते हैं। यह रथ लाल और पीले रंग का होता है। वही, इस रथ के सारथी दारुक हैं।
बलभद्र के रथ का नाम तालध्वज है, इसकी ऊंचाई 43.30 फीट है। यह भगवान जगन्नाथ के रथ से बड़ा होता है। इसका रंग लाल और हरा होता है, इस रथ में 14 पहिए है। इस रथ के सारथी मातलि है।
भगवान की बहन सुभद्रा का रथ का नाम दर्पदलन है और यह रथ 42.32 फीट ऊंचा है। इसका रंग लाल और काला है। इसमें 12 पहिए लगे होते हैं और इसके सारथी अर्जुन हैं।