मुंबई: रेडियो की दुनिया में एक ऐसा नाम था जिसके बिना रेडियो अधूरा था, वो नाम था अमीन सयानी। उनकी मधुर आवाज और शानदार व्यक्तित्व ने लाखों लोगों का दिल जीता था। उनका रेडियो कार्यक्रम ‘बिनाकारण’ आज भी लोगों के दिलों में बसा हुआ है।
लेकिन 2024 में, दिल का दौरा पड़ने से उनका जीवन समाप्त हो गया और रेडियो उद्योग में एक बड़ा खालीपन आ गया।
एक इंजीनियर से रेडियो की आवाज तक
अमीन सयानी एक रेडियो इंजीनियर थे, लेकिन उनका जुनून रेडियो के प्रति था। उन्होंने अपनी आवाज और व्यक्तित्व से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया और रेडियो की दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाई।
उपलब्धियां और संघर्ष:
अपने जीवनकाल में अमीन सयानी ने कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त किए। उन्हें 1976 में पद्मश्री और 2007 में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था।
लेकिन उनका जीवन संघर्षों से भरा रहा। उन्हें कई बार असफलता का सामना भी करना पड़ा। लेकिन हार नहीं मानते हुए उन्होंने अपनी मेहनत जारी रखी और सफलता हासिल की।
हार्ट अटैक से निधन:
2024 में एक हार्ट अटैक ने अमीन सयानी के जीवन का अंत कर दिया। उनके निधन से रेडियो इंडस्ट्री में एक बड़ा खालीपन आ गया।
स्मृतियाँ और अनुभव:
अमीन सयानी की आवाज हमेशा लोगों के दिलों में बसी रहेगी। उनके रेडियो कार्यक्रम ‘बिनाकारण’ और उनकी मधुर आवाज को लोग कभी नहीं भूल पाएंगे।
रेडियो की वो आवाज जो अब हमेशा के लिए खामोश हो गई, लेकिन उनकी यादें और अनुभव हमेशा लोगों के दिलों में रहेंगे।
अमीन सयानी: रेडियो की दुनिया का वो सितारा जो कभी नहीं डूबेगा।