MP News: मध्य प्रदेश के नवनियुक्त मुख्यमंत्री पदभार संभालने के बाद से मोहन यादव कई विभागों को आदेश दे चुके हैं. इसी वजह से खुले में मांस, मटन और अंडे की बिक्री पर तत्काल रोक लगाने का भी आदेश दिया गया. इस संबंध में जिला प्रशासन और इंदौर नगर प्रशासन कार्रवाई कर रहा है। सीएम के आदेश के दूसरे दिन भी इंदौर में नगर निगम की कार्रवाई जारी रही, जिसके तहत नगर निगम ने कई मीट और अंडे की दुकानों पर जुर्माना लगाया.
इस अवधि के दौरान, राज्य के स्वामित्व वाले उद्यम के अधिकारी कई मांस और अंडे (Ban on sale of meat) की दुकान के मालिकों से कहते हैं कि उन्हें कच्चे मांस को कांच या जाल से ढककर बेचना चाहिए। इस दौरान बाहर कच्चा मांस बेचने वाले लोगों पर कार्रवाई कि और उनके कारोबार भी खाली करा लिए गए. ऐसे ढाबे भी हैं जो दुकान के सामने खुली जगह पर मांस और मटन बेचते हैं। उन्हें इसे रखने का आदेश भी दिया गया.
सीएम के आदेश के बाद सियासत शुरू
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपने पहले कार्यकाल में ही कई ऐसे आदेश जारी किए हैं, जिनसे सियासत गरमा गई है। इनमें से एक आदेश है, जिसमें उन्होंने अनियमित और अनियंत्रित ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस आदेश को लेकर विपक्ष ने मोहन सरकार पर हमला बोला है।
विपक्ष का हमला
कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कहा कि मोहन सरकार को प्रदेश की समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं है। उन्हें सिर्फ विवादों में रहना पसंद है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी कई समस्याएं हैं, लेकिन सरकार इन पर ध्यान नहीं दे रही है।
BSP सुप्रीमो मायावती ने भी मोहन सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि मोहन सरकार प्रदेश में धार्मिक ध्रुवीकरण करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कई अन्य तरह के काम हैं, जो करने चाहिए, लेकिन मोहन सरकार सिर्फ विवादों में उलझी हुई है।
प्रशासन की कार्रवाई
सीएम के आदेश के बाद प्रदेश भर में कार्रवाई शुरू हो गई है। पुलिस ने कई जगहों पर अवैध लाउडस्पीकरों को जब्त किया है। कई धार्मिक स्थलों पर भी लाउडस्पीकरों की आवाज को कम करने के लिए निर्देश दिए गए हैं।
आगामी चुनाव को देखते हुए राजनीति
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि मोहन सरकार के ये आदेश आगामी चुनाव को देखते हुए किए गए हैं। भाजपा 2024 के लोकसभा चुनाव में हिंदुत्व के मुद्दे को लेकर प्रचार करना चाहती है। इसीलिए मोहन सरकार इस तरह के आदेश जारी कर रही है।
हालांकि, विपक्ष का कहना है कि ये आदेश प्रदेश की जनता के हितों के खिलाफ हैं। इन आदेशों से धार्मिक ध्रुवीकरण बढ़ेगा और प्रदेश में शांति व्यवस्था बिगड़ सकती है।