बेंगलुरु हिंसा
बेंगलुरु हिंसा मंत्री ने कहा ,दंगा फैलाने हमलावरों को पाताल से भी खोज निकालेंगे

बेंगलुरु हिंसा और आगजनी के बाद से लगातार सरकार और कानून व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। फेसबुक की एक पोस्ट(Facebook post) के बाद भड़की हिंसा में उपद्रवियों ने शहर में पुलिस थाने समेत कई इलाकों में तोड़फोड़ की और सार्वजनिक संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया। उधर बंगलूरू में हुई हिंसा को ‘सुनियोजित कृत्य’ करार देते हुए कर्नाटक के मंत्री आर अशोक ने बुधवार को कहा कि दंगा फैलाने वाले ‘गद्दारों’ से कड़ाई से निपटा जाएगा और ऐसे कदम उठाए जाएंगे ताकि ऐसी घटना की पुनरावृति न हो।

यहां विधानसौध में कांग्रेस विधायक अखंड श्रीनिवास मूर्ति के साथ भेंट के बाद अशोक ने संवाददाताओं से कहा

जिस तरह दंगे किए गए, उससे लगता है कि यह सुनियोजित कृत्य था और मंशा उसे शहर के अन्य हिंस्सों में भी फैलाने की थी। ये गद्दार हैं और हम उन्हें काबू में करेंगे।’
कांग्रेस विधायक के रिश्तेदार द्वारा ‘सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील’ मुद्दे पर सोशल मीडिया पर कथित रूप से पोस्ट करने के बाद मंगलवार रात को पुलकेशीनगर के डी जे हल्ली इलाके में हिंसा फैल गयी जिसमें तीन लोगों की जान चली गयी, जबकि 50 पुलिसकर्मियों समेत कई लेाग घायल हो गए।


मंत्री ने कहा कि विधायक के घर को पूरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया गया और गहने समेत बहुत सारे सामान लूट लिए गए और बाकी आग के हवाले कर दिया गया। अशोक ने कहा, ‘विध्वंसक कृत्य की तीव्रता से स्पष्ट है कि इरादा श्रीनिवास मूर्ति पर हमला करने और उनका सफाया करने का था। इसकी जांच की जानी है कि क्या राज्य के और बाहर के असामाजिक तत्व इसमें शामिल थे?’

उन्होंने दावा किया कि इस हिंसा की साजिश बंगलूरू के लोगों को आतंकित करने के लिए रची गयी।

उन्होंने कहा कि सरकार कड़ा संदेश देगी ताकि कोई फिर कानून व्यवस्था हाथ में लेने का दुस्साहस न करे। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने मुख्मयंत्री के साथ बैठक की और उन्हें जमीनी स्थिति से अवगत कराया।

मंत्री ने कहा कि असामाजिक तत्वों को काबू में किया जाएगा। अशोक ने कहा, ‘इसके पीछे चाहे पॉपुलर फ्रंट हो या एसडीपीआई, हमें फर्क नहीं पड़ेगा। ये लोग गिरफ्तार किए जाएंगे। ये कहीं भी छिपे हों, हम ढूढ निकालेंगे।’

डरे हुए विधायक मूर्ति ने कहा, ‘जब करीब 3000 लोगों ने पेट्रोल बम, क्लब, लाठी-डंडे से हमला किया और गाड़ियों में आग लगा दी, घर को नुकसान पहुंचाया तब हम घर में नहीं थे। इस घटना के बाद मुझे सरकार से सुरक्षा की जरूरत है।’ जब उनसे उनके रिश्तेदार नवीन के बारे में पूछा गया तब उन्होंने कहा, ‘नवीन मेरा रिश्तेदार नहीं है। पिछले दस सालों से हम उसके संपर्क में नहीं हैं।’ 

इस बीच भाजपा नेताओं ने कांग्रेस से सवाल किया कि वह अपने विधायक के निवास पर अल्पसंख्यक समूहों के हमले की निंदा से क्यों हिचकती है।

भाजपा महासचिव (संगठन) बी एस संतोष ने ट्वीट किया, ‘बंगलूरू में कल अपने दलित विधायक श्री अखंड श्रीनिवास मूर्ति पर हमले, उनके घर में तोड़फोड़ के बाद भी राष्ट्रीय कांग्रेस और उसकी कर्नाटक इकाई ने बिल्कुल चुप्पी साध रखी है। दंगा करने के अधिकार का पूरा समर्थन ? उनके लिए तुष्टीकरण ही उनकी आधिकारिक पार्टी नीति है।

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