Bhopal Samachar । एक बार मैंने जिस पद पर काम कर लिया, दोबारा उस विभाग की तरफ नहीं जाता…! दावा और विश्वास है मप्र के नए सीएम डॉ मोहन यादव का। इस बात को उन्होंने साबित करने के लिए उदाहरण भी पेश किए। उज्जैन विकास प्राधिकरण, मप्र पर्यटन विकास निगम, विधायक और मंत्री। अगली कड़ी में उन्हें उच्च शिक्षा विभाग से उच्चतर विभाग, सीएम की कुर्सी ही लग रही थी, उन्होंने पाई भी।
विधानसभा चुनाव से पहले एक दैनिक समाचार पत्र के कार्यालय पहुंचे डॉ मोहन यादव ने दावा करते हुए विश्वास जताया था कि उज्जैन से कोई सीएम क्यों नहीं बन सकता? बड़े और दिग्गज नेताओं की मौजूदगी वाली विधानसभा में मुख्यमंत्री पद के दावेदारों की लंबी फेहरिस्त थी, जिसमें डॉ मोहन यादव का नंबर 11वें क्रम पर था। विधायक दल की बैठक के दौरान भी उनकी बैठक तीसरी पंक्ति में थी। बावजूद इसके सारे कयास, सारे प्रयास और तमाम उम्मीदों को दरकिनार करते हुए डॉ मोहन यादव अब मप्र के मुख्यमंत्री हैं। केंद्रीय नेतृत्व ने छिपे और दबे प्रयासों से एक ऐसा नाम निकालकर आगे रख दिया है, जिसकी कल्पना कल्पनाओं से परे थी।
विशेष तंत्र मंत्र
सूत्रों का कहना है कि विधानसभा चुनाव के दौरान डॉ मोहन यादव ने उज्जैन में विशेष पूजा अर्चना और तंत्र मंत्र करवाए थे। बाहरी प्रदेशों से आए खास जानकारों ने इस क्रिया को अंजाम दिया था। कहा जा रहा है कि सतही तौर पर यह प्रक्रिया प्रदेश में दोबारा भाजपा सरकार की स्थापना को लेकर थी। लेकिन अंदरखाने की कहानी ये भी बताई जा रही है कि इस तंत्र मंत्र क्रिया का सीधा सा एक उद्देश्य सीएम कुर्सी पर आसीन होना भी रहा है।
अब डर इस क्रिया से
सूत्रों का कहना है कि तंत्र मंत्र और प्रयत्न में पिछले सीएम शिवराज सिंह चौहान भी कमजोर नहीं हैं। उनकी मजबूत आस्था और किए गए प्रयासों को इससे भी जोड़ा जाता है कि पिछले चुनाव के बाद वे सीएम हाउस में ऐसा मंत्र फूंककर गए थे कि महज 18 महीने बाद ही कमलनाथ की रुखसत हो गई और शिवराज पुनः सीएम हाउस में जा पहुंचे थे। सूत्रों का कहना है कि नए बदलाव में सीएम हाउस से रवाना होने से पहले शिव अपने तीसरे नेत्र की छाया यहीं कहीं छोड़ गए हैं। कहा जा रहा है कि नए आवास में शिफ्ट होने से पहले शिवराज सिंह चौहान ने सीएम हाउस में कोई तंत्र मंत्र क्रिया कराई है, जिसका मकसद अगले सीएम की अस्थिर रखना है। सूत्रों का कहना है कि इसी तरह की क्रिया प्रक्रिया के माहिर डॉ मोहन यादव को इसकी भनक भी लग गई है और वे होने वाले इस वार से सतर्क भी हैं। यही वजह है कि शिवराज सिंह चौहान के सीएम हाउस से विदा होने के कई दिनों बाद तक उन्होंने अपनी शिफ्टिंग में जल्दबाजी नहीं की है। बताया जा रहा है कि डॉ मोहन के भरोसेमंद जानकार सीएम हाउस में बिखरी बाधाओं को दूर करने में जुटे हुए हैं। इनकी तरफ से मिलने वाली हरी झंडी के बाद ही डॉ मोहन सीएम हाउस में गृह प्रवेश करेंगे। संभवतः यह मकर संक्रांति के शुभ मुहूर्त में हो सकती है।