भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद (chandrasekhar azad) ने एक भड़काऊ बयान में सामान्य वर्ग के युवाओं को पढ़ाई छोड़कर सड़कों पर उतरने और आरक्षण की मांग करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में पढ़ाई का महत्व कम हो गया है और सरकार उन्हीं की सुनती है जो सड़कों पर प्रदर्शन करते हैं।
अपने बयान में, आजाद ने मौजूदा आरक्षण व्यवस्था और मेरिट प्रणाली पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा, “मेरिट की ऐसी तैसी कर दी गई है और आरक्षण ही प्राथमिकता बन गया है।” उनका यह बयान देशभर में बहस का मुद्दा बन गया है, जिसमें शिक्षा और योग्यता के प्रति उनके दृष्टिकोण की आलोचना हो रही है।
चंद्रशेखर आजाद के इस बयान ने सामान्य वर्ग के युवाओं और समाज के विभिन्न तबकों में तीखी प्रतिक्रिया उत्पन्न की है। उनके बयान को एक ओर जहां समर्थन मिल रहा है, वहीं दूसरी ओर इसे शिक्षा और योग्यता के मूल्यों पर प्रहार के रूप में भी देखा जा रहा है।