मुख्यमंत्री मोहन यादव का बयान
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपने बयान में कहा है कि जो राम का नहीं, वो किसी का नहीं. उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसा है कि कांग्रेस ने राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम का न्योता ठुकराकर देश के बहुसंख्यक समुदाय की भावनाओं को आहत किया है. इसके लिए कांग्रेस को निश्चित तौर पर माफी मांगनी पड़ेगी. उन्होंने कहा कि इस समारोह का न्योता ठुकराने के फैसले में कांग्रेस का अहंकार बोल रहा है और एक ऐसी आंधी उठेगी कि यह ‘पाप’ करने वाले लोगों का अता-पता भी नहीं चलेगा.
दिग्विजय सिंह का पलटवार
दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री मोहन यादव ( CM Mohan yadav Bayan on Ram Mandir ) के बयान का पलटवार करते हुए कहा है कि भगवान राम हमारे इष्ट हैं. रामलला के पास जाने के लिए किसी के बुलावे या आमंत्रण की आवश्यकता नहीं हैl उन्होंने आगे कहा कि पुरी और ज्योतिषी मठ के शंकराचार्य जी ने कहा है कि निर्माणाधीन मंदिरों में प्राण प्रतिष्ठा विधि और शास्त्रों के हिसाब से नहीं हो रही है, सभी पार्टियों के नेताओं और शंकराचार्यो ने कार्यक्रम में जाने से मना कर दिया हैl
दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर विवादित बयान देते हुए कहा कि विवादग्रस्त भूमि जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया है, उस भूमि पर मंदिर नहीं बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अयोध्या के महतो व जनता से मेरी बात हुई है, पूर्व पीएम नरसिम्हा राव ने जिस अविवादित जमीन का अधिग्रहण किया था उस जमीन पर मंदिर बन रहा है, बाबरी विध्वंस वाली जमीन पर मंदिर नही बन रहा है.
विवाद की संभावना
मुख्यमंत्री मोहन यादव और दिग्विजय सिंह के बीच राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर जुबानी जंग शुरू हो गई है. दोनों नेताओं ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए हैं. इस विवाद की वजह से मध्य प्रदेश में सियासत गरमाई हुई है. यह भी संभावना है कि यह विवाद आगे भी बढ़ सकता है.
राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण पूरा होने के बाद 5 अगस्त, 2024 को प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल होंगे.