भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व विकेटकीपर से कमेंटेटर बने, दीप दास गुप्ता ने हाल ही में भारतीय क्रिकेट के सबसे चर्चित विषयों में से एक-विराट कोहली और महेंद्र सिंह धोनी में से बेहतर कप्तान कौन है, के बारे में अपने विचार प्रकट किये।
गांगुली के नेतृत्व में खेल चुके दीप दासगुप्ता, ने इस अंतहीन चर्चा और सबसे अच्छा कप्तान घोषित करने को लेकर भारतीयों के आकर्षण के बारे में कुछ दिलचस्प बातें कहीं। उनका मानना है, सौरव टीम को एक निश्चित स्तर तक ले गये, उसके बाद एमएस धोनी ने टीम को आगे के स्तर तक पहुंचाया और अब विराट टीम को उस स्तर से आगे ले जा रहे हैं। उनके अनुसार, यह एक चेन रिएक्शन की तरह है और विभिन्न दौर को देखते हुए सही ठहराना बिल्कुल उचित नहीं है।
स्पोर्ट्स टाइगर के शो ऑफ द फील्ड में हाल ही में हुई बातचीत में, दास गुप्ता ने यह भी कहा कि, जब हम कप्तानी के बारे में बात करते हैं, तो हम अजीत वाडेकर जैसे किसी व्यक्ति के बारे में बात नहीं करते हैं। हम यह भूल जाते हैं कि 1971 में, भारत ने घरेलू मैदान से बाहर जाकर इंग्लैंड में इंग्लैंड के खिलाफ और वेस्ट इंडीज में वेस्टइंडीज के खिलाफ दो बड़ी सीरीज में जीत हासिल की थी। इसलिए, अनौपचारिक रूप से भारत टेस्ट मैच के संदर्भ में 1971 में ही नंबर 1 बन गया था।
इंटरव्यू के दौरान, उन्होंने कपिल देव,
जिन्होंने अपनी कप्तानी में भारत को 1983 का विश्व कप दिलाया, तथा सुनील गावस्कर और मंसूर अली खान पटौदी जैसे पूर्व कप्तानों और दिग्गजों को सम्मानपूर्वक याद किया। उन्होंने कहा कि हम भाग्यशाली हैं कि हमारे पास इतने महान कप्तानों और खिलाड़ियों की विरासत है, लेकिन कभी-कभी, हम इनकी सराहना नहीं कर पाते हैं।
दीप दास गुप्ता बहुत ही सफल कमेंटेटर हैं और विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में 8 टेस्ट और 5 वन डे मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। दीप दास गुप्ता का टेस्ट में 28.67 का औसत रहा है तथा उनके नाम पर एक शतक और दो अर्धशतक दर्ज हैं।