इटावा में फास्ट ट्रैक कोर्ट का बड़ा फैसला
इटावा के फफूंद रेलवे स्टेशन के पास हुए दोहरे हत्याकांड में अदालत ने कड़ा फैसला सुनाया है। पत्नी और मासूम बेटी को चलती ट्रेन से धक्का देने वाले सिविल इंजीनियर चंदन राय चौधरी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। यह फैसला फास्ट ट्रैक कोर्ट की जज सुनीता शर्मा ने सुनाया।
2020 में हुआ था दिल दहला देने वाला हादसा
सरकारी वकील शिवकुमार शुक्ला ने बताया कि चंदन राय चौधरी ने मार्च 2020 में मगध एक्सप्रेस से अपनी पत्नी पोरवी गांगुली और एक साल की बेटी शालिनी को ट्रेन से फेंक दिया था। इस दर्दनाक हादसे में दोनों की मौके पर ही मौत हो गई थी।
जांच में सामने आया कि चंदन के किसी अन्य महिला से अवैध संबंध थे, जिसकी वजह से उसने यह खौफनाक कदम उठाया।
मोबाइल सिम से पकड़ा गया हत्यारा
वारदात के बाद आरोपी ने पत्नी का मोबाइल तोड़कर रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया, लेकिन सबसे बड़ी गलती उसने यह की कि सिम कार्ड निकाल कर अपने फोन में इस्तेमाल करता रहा।
पुलिस ने जब कॉल डिटेल निकाली तो पता चला कि हत्या के बाद भी वह उसी सिम से ससुराल वालों से बातचीत करता रहा। इसी डिजिटल सबूत ने उसे सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।
क्या थी पूरी कहानी?
- 18 मार्च 2020: पोरवी गांगुली के पिता प्रदोष गांगुली ने इटावा जीआरपी थाने में दहेज हत्या का केस दर्ज कराया था।
- पुलिस जांच में मामला हत्या में बदल गया।
- आरोपी चंदन राय और उसकी मां को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।
- कोर्ट में पेश हुए साक्ष्यों के आधार पर चंदन को उम्रकैद की सजा सुनाई गई।
क्यों यह केस खास है?
आरोपी की छोटी सी चूक (पुरानी सिम का इस्तेमाल) से पूरी सच्चाई सामने आ गई।
डिजिटल सबूत ने मामले को सुलझाने में सबसे बड़ी भूमिका निभाई।
फास्ट ट्रैक कोर्ट ने पीड़ित परिवार को जल्दी इंसाफ दिलाया।