मिरर की रिपोर्ट के अनुसार यह घटना ब्राज़ील के साओ पाउलो की है जहां एक 17 लड़की की ज़हरीली केक खाने से मौत हो गई। 30 मई शुक्रवार शाम लगभग 6 बजे एक कूरियर ने 17 साल की अना लुइज़ा और उसकी बहन के लिए एक पैकेट पहुंचाया. इसमें एक केक और साथ में एक नोट भी था. उसमें लिखा था,
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केक खाने के थोड़े ही वक्त बाद उसकी तबीयत बिगड़ जाती है. बाद में उसकी मौत हो जाती है. उसकी जान लेने वाला कोई और नहीं बल्कि उसकी खुद की बेस्ट फ्रेंड ही थी. जिस रात उसकी तबीयत बिगड़ती है उस पूरी रात वह उसी के साथ होती है. उसे तड़पते हुए देखती. लेकिन कोई रिएक्शन नहीं देती है।
केक खाने के एक घंट से भी कम टाइम में उसकी तबीयत बिगड़ने लगी. उसे लगातार उल्टी और दस्त होने लगे. लड़की के पिता 1 जून को लगभग 1:30 बजे घर आए और उसे अस्पताल ले गए. डॉक्टरों ने बताया कि उसे फूड पॉइज़निंग हुई है. उसे शुरू में दवाई और फ्लूइड दिए गए. इसके बाद उसकी हालत में कुछ सुधार हुआ. अस्पताल से छुट्टी भी मिल गई. लेकिन उसी शाम वह अपने घर के बाथरूम में बेहोश हो गई. इसके बाद उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया. लेकिन रास्ते में ही उसे कार्डियो रेस्पिरेटरी अरेस्ट हो गया. अस्पताल पहुंचने पर उसमें नीले पड़ने के लक्षण भी दिखे. डॉक्टरों ने उसे बचाने की काफी कोशिश की. लेकिन वह नहीं बच सकी.
इसके बाद घटना की जानकारी पुलिस को दी गई. हैंड रिटन नोट के बारे में भी बताया गया. पुलिस ने जांच शुरू की और कूरियर वाले के ज़रिए केक भेजने वाले का पता लगाया. पता चला कि केक भेजने वाला कोई और नहीं उसकी ही बेस्ट फ्रेंड थी. शुरुआत में उसने खुद को बेकसूर बताया. लेकिन घंटों की पूछताछ के बाद उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया. पुलिस को बताया कि उसने ऑनलाइन खरीदे गए आर्सेनिक ट्राइऑक्साइड (एक तरह के ज़हर) को केक में मिलाया था.

पुलिस के मुताबिक, आरोपी लड़की एना लुइज़ा के घर नाइट स्टे के लिए भी आई थी. लड़की के पिता ने कहा,
वह लड़की हमारे घर पर रुकी थी. वह सब कुछ देख रही थी. एना का बीमार होना, मुझे उसे अस्पताल ले जाते देखना, फिर अगले दिन बाथरूम में मेरी बेटी का गिरना. लेकिन उसने कोई रिएक्शन नहीं दिया.
पहले भी भेजा था ज़हर वाला केक
आरोपी लड़की ने यह माना कि 15 मई को एक और लड़की को ज़हर वाला केक भेजा था. वह भी उसी की उम्र की थी. उसने दावा किया कि इस लड़की की वजह से उसके दो बॉयफ्रेंड्स उसे छोड़कर चले गए थे. तब से वह उससे नफरत करने लगी थी. पहली लड़की बीमार हुई और अस्पताल में भर्ती हुई, लेकिन बच गई. आरोपी का कहना था कि उसका मकसद सिर्फ लड़कियों को डराना था. वह किसी को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहती थी.