गोंडा जिले में एक बड़ा सड़क हादसा हो गया है। पृथ्वी नाथ मंदिर जा रहे श्रद्धालुओं की बोलेरो नहर में गिर गई। हादसे में 11 लोगों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। वहीं तीन लोग गंभीर रूप से घायल हैं। इस हादसे के बाद पूरे इलाके में मातम छा गया है।
7 सीटर में 15 लोग, ओवरलोडिंग बनी मौत की वजह
जिस बोलेरो में श्रद्धालु यात्रा कर रहे थे, उसकी क्षमता सिर्फ 7 सवारियों की थी। हालांकि, उसमें 15 लोग सवार थे। इसलिए गाड़ी पर अत्यधिक भार पड़ गया और वह अनियंत्रित होकर नहर में जा गिरी।
हादसे की भयावहता इसी बात से समझी जा सकती है कि लोग गाड़ी में फंसकर बाहर तक नहीं निकल पाए।
प्रशासन की लापरवाही पर उठे सवाल
इस हादसे ने प्रशासन की लापरवाही उजागर कर दी है। दूसरी तरफ सवाल यह उठता है कि क्या पुलिस और परिवहन विभाग की नजर इन पर नहीं पड़ी?
अगर समय पर चेकिंग होती, तो इतनी बड़ी जनहानि टाली जा सकती थी।
नियमों की अनदेखी बनी हादसे की जड़
मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार किसी भी गाड़ी में तय सीमा से अधिक सवारियां बैठाना अपराध है।
इसके बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों में इस नियम की खुली अनदेखी होती है।
खासकर धार्मिक आयोजनों और त्योहारों के समय ओवरलोडिंग एक आम समस्या बन चुकी है।
बोलेरो में फंसकर दम तोड़ते रहे लोग
बताया जा रहा है कि बोलेरो में हादसे के वक्त इतनी भी जगह नहीं थी कि लोग निकल पाते। वहीं, गाड़ी नहर में गिरने के बाद 11 लोगों की फंसकर दर्दनाक मौत हो गई।
फिलहाल पुलिस हादसे की गहराई से जांच कर रही है।
सीएम योगी ने जताया दुख, दी आर्थिक सहायता
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने के निर्देश दिए हैं।
इसके अलावा, घायलों के समुचित इलाज की व्यवस्था भी सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया है।
भविष्य में ऐसी घटनाओं पर रोक के निर्देश
सीएम कार्यालय ने बताया कि प्रशासन पीड़ित परिवारों के संपर्क में है।
इसी बीच, मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि हादसे की पूरी जांच की जाए।
साथ ही, भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए ठोस कदम उठाए जाएं।