चालू शिक्षण सत्र से राज्य के सरकारी स्कूलों में पढने वाले छात्रों को यूनिफार्म नहीं दी जाएगी, उसके स्थान पर प्रत्येक छात्र को 600 रुपए प्रदान किए जाएंगे।
सरकार ने यह निर्णय यूनिफार्म (School Uniform )वितरण में देरी और अनियमितताओं को देखते हुए लिया है। सरकारी स्कूलों के बच्चों को इस बार यूनिफॉर्म के बदले अकाउंट में राशि दी जाएगी। प्रत्येक बच्चे को दो यूनिफार्म के लिए 600 स्र्पए दिए जाएंगे। यूनिफार्म तैयार करने में देरी के कारण स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी ने यह निर्णय लिया है।
मंत्री ने स्कूल शिक्षा विभाग को निर्देश दिया है कि इस साल यूनिफॉर्म के बदले अभिभावकों के अकाउंट में राशि दी जाए।
दरअसल पिछले दस वर्षों से विद्यार्थियों को यूनिफॉर्म खरीदने के लिए चेक ही वितरित किए जाते थे, लेकिन पिछली सरकार ने विद्यार्थियों को चेक की जगह यूनिफॉर्म देने का निर्णय लिया था। यूनिफॉर्म सिलाई का काम स्वयंसेवी संस्थाओं को दिया गया था। इसके कारण स्थिति यह रही कि छह माह तो स्वयंसेवी संस्थाओं के चयन में निकल गए।
स्वयंसेवी संस्थाओं ने जनवरी-फरवरी में बच्चों को यूनिफॉर्म दिए, जो बच्चों के हिसाब से सही साइज का नहीं रहा।
2010 तक विद्यार्थियों को सिली हुई यूनिफॉर्म दी जाती थी। इसमें घोटाले के बाद बच्चों को दो यूनिफॉर्म की जगह 400 स्र्पए चेक के माध्यम से देने का फैसला लिया गया। इस व्यवस्था में शिकायतें मिली कि अभिभावक यूनिफॉर्म की राशि को अन्य कामों में खर्च कर देते थे, जिससे बच्चे पुरानी यूनिफॉर्म में ही स्कूल जाते थे। फिर पिछले साल तय हुआ कि सिली हुई यूनिफॉर्म दी जाएगी। इसके लिए प्रत्येक बच्चे के दो यूनिफॉर्म के लिए 600 स्र्पए स्वयंसेवी संस्थाओं को दिए गए। अब फिर इस साल से यूनिफॉर्म की 600 स्र्पए राशि अभिभावकों को ऑनलाइन पेमेंट किए जाएंगे। इस बारे में स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी का कहना है कि इस बार से यूनिफॉर्म के बदले अभिभावकों के खातों में ऑनलाइन पेमेंट होंगे। सिली हुई यूनिफॉर्म में देरी के कारण यह फैसला लिया गया है।