Hindu Chicken Shop- भूख सबको लगती है, खाना सभी को चाहिए… भूख से बिलबिलाते व्यक्ति के लिए यह जरूरी नहीं होता कि वह जो वस्तु खा रहा है, उसका निर्माण या उसकी बिक्री करने वाले का धर्म, जात, सम्प्रदाय क्या है। लेकिन पिछले दिनों से देश में जारी नफरतों की खेतियों ने लोगों की अक्ल और बुद्धि पर इतना गहरा कोहरा फैला दिया है कि अब उन्हें खानपान के सामान में भी हिन्दू और मुसलमान दिखाई देने लगा है।
कुछ समय पहले ग्रामीण इलाकों से आ रहीं खबरों ने लोगों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी थीं, कि कोई व्यक्ति कौम विशेष के व्यक्ति से कोई खरीदी-बिक्री नहीं करेगा। खानपान से लेकर अन्य जरूरतों की चीजों तक को इसमें शामिल कर दिया गया था। स्वयंभू धर्म रक्षकों के इस फरमान को न मानने वालों के लिए सजा का प्रावधान भी स्वयं ही कर दिया गया था। लेकिन न तो यह देश की प्रचलित व्यवस्था के अनुकूल था और न ही यहां व्याप्त स्थितियों के लिहाज से संभव। कुछ अंधभक्तों को छोड़, बाकी लोगों ने अपनी नियमित आदतों को बरकरार रखा और नफरत की यह दुकान ज्यादा दिन नहीं चल पाई।
अब सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसके साइन बोर्ड पर अंकित है, ‘हिन्दू चिकन शाॅप‘। हालांकि तस्वीर देखकर इस बात का अंदाज लगाना मुश्किल है कि यह दुकान किस गांव, शहर या प्रदेश में है, Hindu Chicken Shop‘ लेकिन इस तरह के प्रयास ने एक बार फिर लोगों को एक नफरती माहौल में ले जाने की कोशिशों को बढ़ावा दे दिया है। जुम्मन की दुकान से रामानुज या किशोर की दुकान से खालिद अपनी जरूरत का सामान लेकर सदियों से काम चलाता रहा है। वस्तु विनिमय के दौर से जारी यह व्यवस्था नए दौर के आने तक न तो बदल पाई है और न ही इसकी भविष्य में कल्पना की जा सकती है। इस नए नाम वाली दुकान के स्थापना के पीछे कुछ मुनाफाखोरों के अपने निहित स्वार्थ पूरा करने का उद्देश्य हो सकता है, लेकिन समय रहते इन कुत्सित प्रयासों को न रोका गया तो आने वाली पीढ़ी को इससे जुड़ी मुश्किलों को उठाना पड़ सकता है।