अगर यही लीक हो जाए, तो आपकी पर्सनल जानकारी हैकर्स के हाथ लग सकती है। चलिए जानते हैं, कैसे पासवर्ड चोरी होते हैं और हैकर्स हमें किस तरह निशाना बनाते हैं।
पासवर्ड लीक होने के तरीके:
फिशिंग (Phishing):

हैकर्स नकली ईमेल, मैसेज या वेबसाइट भेजते हैं जो बिल्कुल असली जैसी लगती हैं। लोग इसमें अपना पासवर्ड डाल देते हैं और वो सीधा हैकर तक पहुंच जाता है।
की-लॉगिंग सॉफ्टवेयर:

कुछ वायरस या मालवेयर आपके फोन या लैपटॉप में छुपकर हर कीबोर्ड प्रेस को रिकॉर्ड करते हैं। जैसे ही आप पासवर्ड टाइप करते हैं, वो हैकर को मिल जाता है।
ब्रूट फोर्स अटैक:

हैकर्स अलग-अलग पासवर्ड ट्राय करके सही पासवर्ड का अंदाजा लगाने की कोशिश करते हैं। कमजोर पासवर्ड जल्दी क्रैक हो जाते हैं।
पब्लिक वाई-फाई का जाल:

अगर आप खुले वाई-फाई (जैसे रेलवे स्टेशन, मॉल या कैफे में) से लॉगिन करते हैं तो हैकर्स आपकी जानकारी पकड़ सकते हैं।
डेटा ब्रीच:
कभी-कभी बड़ी वेबसाइटों या कंपनियों का डेटा लीक हो जाता है जिसमें करोड़ों ईमेल और पासवर्ड हैकर्स के हाथ लग जाते हैं।
सोशल इंजीनियरिंग:

हैकर्स आपकी सोशल मीडिया प्रोफाइल देखकर आपके बारे में जानकारियां (जैसे जन्मदिन, पालतू का नाम, पसंदीदा शहर) निकालते हैं और वही पासवर्ड में ट्राय करते हैं।
पासवर्ड को सुरक्षित रखने के आसान तरीके:
✅ मजबूत और अलग-अलग पासवर्ड रखें।
✅ हर साइट के लिए अलग पासवर्ड बनाएं।
✅ टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) ज़रूर चालू करें।
✅ किसी अनजान लिंक या ईमेल पर क्लिक न करें।
✅ पब्लिक वाई-फाई से लॉगिन करने से बचें।
✅ हर कुछ महीने में पासवर्ड बदलते रहें।
आपकी थोड़ी सी सावधानी, आपके डेटा को बड़ी मुश्किल से बचा सकती है।