इसी कड़ी में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ईरान के विदेश मंत्री सैयद अब्बास अराघची से फोन पर बातचीत की। दोनों नेताओं ने ईरान-इजरायल के बीच चल रही तनातनी और पश्चिम एशिया के हालात पर चर्चा की।
भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकाला
जयशंकर ने बताया कि उन्होंने अराघची से भारत के नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए धन्यवाद कहा। भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाकर 4,400 से ज्यादा भारतीयों को ईरान से सुरक्षित वापस लाया है।
अमेरिका और पाकिस्तान की भी बातचीत
इस बीच अमेरिका भी एक्टिव है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से फोन पर बातचीत की। दोनों के बीच ईरान के परमाणु कार्यक्रम और पश्चिम एशिया की स्थिति को लेकर चर्चा हुई।
अमेरिका चाहता है कि ईरान कभी भी परमाणु हथियार न बना सके। यही वजह है कि वह पाकिस्तान को भी इस बातचीत में शामिल करने की कोशिश कर रहा है।
शांति बनाए रखने की कोशिश
इस बातचीत में पाकिस्तान ने भी कहा कि वह मध्य पूर्व में शांति बनाए रखने की कोशिश करेगा। शहबाज शरीफ ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ईरान-इजरायल के बीच सीजफायर कराने की कोशिश की तारीफ की।
हालांकि, भारत पहले ही साफ कर चुका है कि उसे अपने मामलों में किसी तीसरे देश की दखलंदाजी मंजूर नहीं है।
क्या चल रहा है पश्चिम एशिया में ?
कुछ दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने पाकिस्तान के फील्ड मार्शल असीम मुनीर को लंच पर बुलाया था। वहां भी ईरान का मुद्दा उठा था।
इस पूरी घटनाक्रम से साफ है कि पश्चिम एशिया में हालात बेहद पेचीदा हैं। भारत, अमेरिका और ईरान के बीच लगातार बातचीत चल रही है ताकि वहां शांति बनी रहे और किसी बड़े टकराव से बचा जा सके।