सावधानी की भी सलाह
हालांकि, मंत्रालय ने ये भी कहा है कि अंतरराष्ट्रीय हालात का असर भारत पर पड़ सकता है। इसलिए अभी पूरी तरह बेफिक्र नहीं हुआ जा सकता। भारत को सावधानी के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है।
क्यों बनी हुई है चिंता ?

हाल ही में ईरान और इजरायल के बीच लड़ाई के चलते दुनिया भर में तेल के दाम बढ़ गए थे। हालांकि अब दाम कुछ कम हुए हैं, लेकिन तेल की सप्लाई, बीमा खर्च और रास्ते बंद होने का डर अभी भी बना हुआ है।
मंत्रालय का कहना है कि अगर तेल की कीमतें फिर से बढ़ती हैं, तो भारत की आर्थिक ग्रोथ और सरकार के बजट पर असर पड़ेगा।
क्या है सरकार का प्लान ?

भारत सरकार ने अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं।
- कृषि, मैन्युफैक्चरिंग, संसाधन और टेक्नोलॉजी सेक्टर में बड़े प्रोजेक्ट शुरू किए जा रहे हैं।
- नियमों को आसान बनाया जा रहा है ताकि देश में प्रोडक्शन और बिजनेस को बढ़ावा मिले।
- सरकार उन अंतरराष्ट्रीय मौकों का फायदा उठाने की तैयारी कर रही है, जो पहले मुश्किल माने जाते थे।
ग्लोबल हालात से अब भी चुनौती

मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है कि
- दुनिया में अभी भी कई जगह लड़ाइयां चल रही हैं।
- व्यापार में रुकावटें और नीतियों को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।
- इससे ग्लोबल इकॉनमी पर दबाव है और भारत को भी सतर्क रहना होगा।