गोरखपुर
इंडसइंड बैंक के बहुचर्चित लोन घोटाले में पुलिस की जांच अब तेज़ रफ्तार पकड़ चुकी है। गोला थाना क्षेत्र में एक महिला ने अपने पति को मृत घोषित कर समूह लोन और बीमा राशि हासिल की। पुलिस ने इस मामले में महिला मालती देवी को गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ के बाद कोर्ट में पेशी के बाद उसे जेल भेज दिया गया।
अब तक 8 आरोपी जेल में, लेकिन मास्टरमाइंड अब भी गायब
अब तक इस केस में तीन महिलाओं समेत आठ लोगों को जेल भेजा जा चुका है, लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि घोटाले का मुख्य आरोपी – बैंक शाखा प्रबंधक बृजेश कुमार सरोज – अभी भी फरार है। उसके साथ 9 अन्य आरोपी भी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं।
कैसे हुआ था फर्जीवाड़ा?
घटना साल 2023 की है। गोरखपुर के गोला बाजार स्थित इंडसइंड बैंक की शाखा में तैनात शाखा प्रबंधक पर आरोप है कि उसने समूह लोन लेने वाली महिलाओं के पतियों के फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाए और उनके नाम पर बीमा की रकम हड़प ली। शुरू में जांच अधिकारी ने शाखा प्रबंधक का नाम ही केस से हटा दिया और सारा दोष महिलाओं पर डाल दिया।
लेकिन जब मामले में गंभीरता आई, तो तत्कालीन एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने जांच अधिकारी को बदलकर नई टीम से जांच शुरू कराई। इसके बाद बैंक के दस्तावेजों की पड़ताल हुई और पांच बैंक कर्मचारियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।
अब भी 10 आरोपी फरार
फरार आरोपियों में प्रमुख नाम हैं –
बृजेश कुमार (शाखा प्रबंधक), संगम गौंड, कृष्ण कुमार, शबनम खातून, रोज़ी, रेखा, गौतम श्रीवास्तव, गोपाल सिंह और अरुण कुमार।
थानाध्यक्ष अंजुल चतुर्वेदी ने बताया कि इन सभी की तलाश जारी है और जल्दी ही इन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
यह मामला क्यों है अहम?
- यह मामला केवल आर्थिक धोखाधड़ी का नहीं, बल्कि बैंकिंग सिस्टम में मौजूद भीतरघात और मिलीभगत को उजागर करता है।
- गरीब महिलाओं के नाम पर लोन लेकर उनके परिवारों को फर्जी तरीके से मरा दिखाना — यह सामाजिक और नैतिक रूप से भी बेहद गंभीर मामला बन जाता है।