New Dehli- ईरान में फंसे भारतीयों की नॉवेल कोरोना वायरस की जांच के लिए अस्थायी लैबोरेटरी बनाने की अनुमति नहीं दी गई है। ईरान से अभी तक करीब 1200 भारतीयों के लार के नमूने जांच के लिए भारत लाए गए हैं और उनकी जांच की जा रही है कि वे खतरनाक वायरस से संक्रमित हैं अथवा नहीं। ईरान में फंसे अधिकतर छात्र और जायरीन हैं। वहां एक हजार भारतीय मछुआरे भी फंसे हुए हैं।
आईसीएमआर-एनआईवी, पुणे के चार वैज्ञानिक तेहरान में हैं और वे नमूने इकट्ठे कर रहे हैं। एक सूत्र ने बताया, ‘उन्होंने बताया कि वे अस्थायी लैबोरेटरी सुविधा नहीं बना सके क्योंकि वहां के अधिकारियों ने कहा कि वे उन्हें सुरक्षा नहीं दे सकेंगे। वे अब भी तेहरान में हैं और लार के नमूने इकट्ठा कर रहे हैं।
इससे पूर्व कोरोना वायरस से प्रभावित ईरान से 58 भारतीयों को भारतीय वायुसेना के एक मालवाहक विमान से वापस लाया गया जबकि 44 भारतीय जायरीन का दूसरा जत्था शुक्रवार को यहां ईरान के कोम शहर से पहुंचा। एक अधिकारी ने बताया कि ईरान से भारतीय जायरीनों को लेकर ईरान एयर का एक विमान शुक्रवार की दोपहर मुंबई हवाई अड्डे पर पहुंचा।
कोरोना वायरस से ईरान बुरी तरह प्रभावित है और सरकार वहां फंसे भारतीयों को वापस लाने पर काम कर रही है।