21 जुलाई 2025 को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिसे राष्ट्रपति ने अगले दिन स्वीकार कर लिया। हालांकि, उनका कार्यकाल 2027 तक था, लेकिन उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया।
इसी बीच, बिहार में सियासी अटकलें शुरू हो गई हैं कि अगला इस्तीफा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का हो सकता है।
नीतीश को उपराष्ट्रपति बनाने की तैयारी ?
राजद विधायक मुकेश रोशन का दावा है कि धनखड़ का इस्तीफा इसलिए लिया गया,
ताकि नीतीश कुमार को उपराष्ट्रपति बनाया जा सके।
उनके मुताबिक, यह बीजेपी की रणनीति है जेडीयू को किनारे करने की।
वहीं, बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने कहा कि अगर नीतीश उपराष्ट्रपति बनते हैं,
तो यह बिहार के लिए सौभाग्य की बात होगी।
RJD alleges BJP conspiracy behind Dhankhar’s exit – जानिए किस प्रकार विपक्ष ने धनखड़ के इस्तीफे को नीतीश कुमार को दरकिनार करने की साजिश बताया।
जेडीयू ने कहा- नीतीश नहीं देंगे इस्तीफा
दूसरी तरफ, जेडीयू नेता मदन सहनी ने इन दावों को सिरे से खारिज किया है।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने रहेंगे और एनडीए में किसी पर दबाव नहीं है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि धनखड़ का इस्तीफा स्वास्थ्य कारणों से हुआ है,
और इसे नीतीश कुमार से जोड़ना पूरी तरह से गलत है।
विपक्ष के दावों से गर्माया सियासी माहौल
इसी तरह, विपक्षी नेताओं ने इस इस्तीफे को सत्ता समीकरण से जोड़ते हुए नए कयास लगाए हैं।
महुआ विधायक मुकेश रोशन ने कहा कि बीजेपी बिहार में चुनाव से पहले अपना मुख्यमंत्री बनाना चाहती है।
इसके अलावा, पप्पू यादव ने भी इस घटनाक्रम को राजनीतिक चाल करार दिया है।
चर्चाओं का बाजार तेज, जनता असमंजस में
वहीं, जनता और राजनीतिक जानकार इस पूरे घटनाक्रम को लेकर असमंजस में हैं।
बिहार में लगातार बदलते समीकरणों के बीच अब हर बयान को उपचुनाव और 2026 के लोकसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है।
हालांकि, अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है कि नीतीश कुमार उपराष्ट्रपति पद के दावेदार हैं या नहीं।
निष्कर्ष: अफवाह, रणनीति या सच्चाई ?
बिहार की राजनीति में हाल के दिनों में तेजी से बदलाव देखने को मिल रहे हैं।
धनखड़ के इस्तीफे से उठे सवालों ने एक बार फिर नीतीश कुमार को सियासी केंद्र में ला खड़ा किया है।
इसलिए, आने वाले दिनों में राजनीतिक तस्वीर और स्पष्ट होगी कि क्या यह महज अफवाह है या कोई गहरी रणनीति।