जश्न-ए-गालिब: भारती की मखमली आवाज और शायरों के कलाम से सजी मेहफिल
Bhopal Samachar । दुनिया के शायर या (Jashn-e-Ghalib) शहंशाह-ए-गजल मिर्जा गालिब की यादों से राजधानी सजी हुई है। दो दिन से जारी जश्न-ए-गालिब का समापन गुरूवार को गजलों की सुरमयी मेहफिल के साथ हुआ। समापन सत्र में जहां भारती विश्वनाथन ने अपनी मखमली आवाज से गालिब की कई गजलों को पेश कर समां बांध दिया। वहीं शायरों की मेहफिल ने अपने कलाम से श्रोताओं को देर रात बांधे रखा।
मिर्जा गालिब गजल शिक्षण संस्थान द्वारा आयोजित कार्यक्रम ‘जश्न-ए-यौम-ए-विलादत-ए- मिर्जा गालिब 2023‘ का गुरूवार को दूसरा और आखिरी दिन था। पहले दिन शामिल किए गए बैंतबाजी, पपेट शो, गजल नाट्यम और लघु मुशायरे को बड़ी दर्शक और श्रोता संख्या मिली थी। इसकी अगली कड़ी में गजल गायन और मुशायरे का आयोजन किया गया। गजल गायन की मेहफिल को मशहूर गजल गायिका भारती विश्वनाथन ने अपनी सुरीली आवाज से सजाया। जबकि मुशायरे में शायरों ने मेहफिल का रंग जमाया। इस दौरान शायरों की मेहफिल में प्रिंस जैन, राज नवादवी, डाॅ. परवीन कैफ, डाॅ. अहसान आजमी, डाॅ. मोहम्मद नसीम, सपना अहसास, डाॅ. अली अब्बास उम्मीद, डाॅ. अंजुम बाराबंकवी, डाॅ. मेहताब आलम आदि ने अपने कलामों से माहौल को गालिबमय कर दिया। मुशायरे की खासियत यह थी कि इसमें शामिल शायरों को अपना पहला कलाम गालिब की जमीन पर पढ़ना था।
सम्मान से नवाजे गए कई
आयोजन संस्था मिर्जा गालिब गजल शिक्षण संस्थान ने कार्यक्रम में शामिल डाॅ. अली अब्बास उम्मीद, डाॅ. कमर अली शाह, डाॅ. बिल्किस जहां, डाॅ. नजर मेहमूद, जावेद मोहम्मद खान, खान अशु आदि को सम्मानित किया। संस्था के राज नवादवी ने सभी को शाॅल, पुष्पमाला और गालिबनामा देकर एजाज किया।