Laadli Bahna Yojana in MP मध्य प्रदेश में मोहन सरकार बनने के बाद से ही लगातार लाड़ली बहना योजना को लेकर सवाल उठ रहे हैं. इस योजना के चालू या बंद रहने को लेकर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया है. इस बीच सागर जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग कार्यालय के द्वारा लाड़ली बहना योजना को लेकर एक विवादित आदेश जारी किया गया था. इस आदेश में कहा गया था कि यदि किसी पर्यवेक्षक, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, आशा कार्यकर्ता, स्व सहायता समूह के अध्यक्ष या सचिव के द्वारा इस योजना का लाभ लिया जा रहा है, तो उसका लाभ का परित्याग 15 दिन के अंदर करें नहीं तो कार्यवाही की जाएगी.
इस आदेश के बाद कांग्रेस ने सरकार पर हमला बोला. कांग्रेस ने कहा कि यह आदेश लाड़ली बहना योजना को बंद करने की तैयारी का संकेत है. कांग्रेस ने कहा कि इस आदेश से योजना के लाभार्थियों में भ्रम और अनिश्चितता फैली है.
इस आदेश के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया. प्रशासन ने इस आदेश को अस्पष्ट करार दिया और इसे तत्काल निरस्त कर दिया. सागर जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी बृजेश त्रिपाठी ने बताया कि पोर्टल में लाभ का परित्याग करने की व्यवस्था पहले से ही है. 4 दिसंबर को परियोजना अधिकारी के द्वारा जारी किया गया आदेश अस्पष्ट था क्योंकि उसमें पोर्टल का उल्लेख नहीं था. इसलिए इस आदेश को निरस्त किया गया है.
लाड़ली बहना योजना को लेकर चल रही सियासत
लाड़ली बहना योजना को लेकर मध्य प्रदेश में पिछले कुछ समय से सियासत चल रही है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार इस योजना को बंद करने की तैयारी में है. भाजपा ने इन आरोपों को खारिज किया है. भाजपा ने कहा है कि लाड़ली बहना योजना एक अच्छी योजना है और सरकार इसे जारी रखेगी.
लाड़ली बहना योजना मध्य प्रदेश की एक महत्वपूर्ण योजना है. इस योजना का लाभ लाखों बेटियों को मिल रहा है. इस योजना को लेकर चल रही सियासत से योजना के भविष्य पर सवाल उठ रहे हैं. यह देखना होगा कि सरकार इस योजना को लेकर अंततः क्या फैसला लेती है.